कुमार इंदर, जबलपुर। सिविल जज भर्ती नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट(Jabalpur High Court) अब 29 नवंबर को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने अनावेदकर्ताओं को जवाब पेश करने का आदेश दिया है। वहीं जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस दिया।

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मध्यप्रदेश सरकार ने न्यायिक सेवाओं में आरक्षण समाप्त किए जाने को लेकर चुनौती दी है। वहीं कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस दिया है। इसके साथ ही ओबीसी को अनारक्षित वर्ग के बराबर निर्धारित किए गए मापदंडो को भी चुनौती दी गई है। वहीं याचिका में सिविल जज परीक्षा में, तीन साल वकालत की अनिवार्यताओं, न्यायिक सेवा नियमों में किए संशोधन नियमों के विधि स्नातक में 70% अंक निर्धारित किए जाने वाले कानून को भी चुनौती दी गई है।

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बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने 23/6/2023 को सिविल जज भर्ती नियम 1994 में संशोधन किया था। वहीं याचिका में सिविल जज परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी हाईकोर्ट की जगह लोक सेवा आयोग को दी जाने की मांग की है। इसके साथ ही इंटरव्यू में 50 में से 20 नंबर की अनिवार्यता को असंवैधानिक बताया गया हैं।

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