अजयारविंद नामदेव, शहडोल। शहडोल जिला अस्पताल में मरीजों और परिजनों की तलाशी लेना सिविल सर्जन को महंगा पड़ गया। दरअसल, सिविल सर्जन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बंदूकधारी और लाठी लिए गार्डों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों की तलाशी लेते दिखाई दे रहे हैं। जिसे लोग अब अमानवीय कृत्य बता रहे हैं।

दरअसल, शहडोल के कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में लोग तम्बाखू-गुटखा खाकर यहां-वहां थूक देते हैं। सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार द्वारा तम्बाखू- गुटखा के खिलाफ अभियान चलाकर बंदूकधारी सुरक्षा गार्डों और छड़ी लेकर मरीजों के परिजनों से बीडी,तम्बाखू, गुटखा जब्त कर उन्हें अस्पताल में इसका सेवन न करने की गुजारिश की। साथ उससे होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। लोग वीडियो देखकर इसे गरीब और कमजोर महिलाओं, बच्चों और मरीजों के खिलाफ अमानवीय कृत्य बता रहे हैं, तो वहीं सिविल सर्जन ने इसे अस्पताल परिसर में तंबाकू और बीड़ी के उपयोग को रोकने की कवायद बताया।

सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार ने कहा गुटखा के पाउच आदि जब्त करने के लिए नियमित तौर पर अभियान चलाया जाता है, ताकि लोगों को अस्पताल परिसर में थूकने और गंदगी फैलाने से रोका जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह सुरक्षा कारणों से शाम की सैर के दौरान अपने साथ एक छड़ी रखते हैं, जो कि वीडियो में दिखाई दे रही है। वहीं वीडियो में दिखाई दे रहे गार्ड अस्पताल के सुरक्षाकर्मी हैं।

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