चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे. गुरुवार को CJI चंद्रचूड़ ने AI से बनाए गए एक वकील से प्रश्न पूछा. AI वकील ने इसका जवाब उसी तरह से दिया जैसे कोर्ट में असली वकील देते हैं.

CJI ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और आर्काइव के उद्घाटन के दौरान AI वकील से पूछा कि क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है?

जवाब में, वकील की पोशाक में खड़े एक कृत्रिम वकील ने पहले दोनों हाथों को बांहों पर रखा, अंगुलियां चलाईं और कुछ सोचने की भावना पैदा की. फिर उन्होंने दोनों हाथ खोलकर जिरह करते हुए कहा कि भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट केवल जघन्य अपराधों में ऐसी सजा देता है.

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CJI चंद्रचूड़ ने AI वकील से ऐसा सटीक जवाब सुनकर वहां मौजूद अन्य जजों की ओर देखा और मुस्कुरा दिए. CJI और AI वकील के प्रश्नोत्तर का वीडियो भी सामने आया है.

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CJI ने नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम और आर्काइव का उद्घाटन करते हुए कहा, “इस नए म्यूजियम में चीजें सुप्रीम कोर्ट के कैरेक्टर का महत्व बताती हैं; मैं चाहता हूँ कि यह युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसा स्थान बने, जहां निरंतर चर्चा होती है”.

स्कूलों-कॉलेजों के बच्चे और आम लोग, जो जरूरी नहीं कि वकील ही हों, यहां आएं और उस हवा में सांस लें जिसमें हम हर दिन सांस लेते हैं. इससे आम लोगों को कानून, जजों और वकीलों के कामों का वास्तविक अनुभव और महत्व पता चलेगा, और मुझे उम्मीद है कि मेरे रिटायरमेंट के बाद आने वाले जज भी युवा पीढ़ी के लिए भी म्यूजियम खोलेंगे.

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यह संग्रहालय जज-सेंट्रिक नहीं है; इसमें संविधान का निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ी बातें हैं और बार के सदस्यों से जुड़ी बातें हैं, जिन्होंने अपनी निडर वकालत से कोर्ट को आज जैसा बनाया है.

सुप्रीम कोर्ट की पुरानी जज लाइब्रेरी को नए म्यूजियम में बदल दिया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने उद्घाटन समारोह को छोड़ दिया.

एसोसिएशन ने पहले पुरानी जज लाइब्रेरी को म्यूजियम बनाने का विरोध किया था और उस जगह पर नया कैफेटेरिया बनाने की मांग की थी क्योंकि मौजूदा कैफेटेरिया वकीलों की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त नहीं था.

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (जिनका पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है) 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएगा. उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ थे, जो देश का 16वां सीजेआई था. 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ करीब 7 वर्षों तक न्यायाधीश रहे. साथ ही, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पिता के दो महत्वपूर्ण फैसलों को संविधान सभा में पलट दिया है. बेबाक निर्णयों के लिए वे चर्चित हैं.

10 नवंबर 2024 को CJI चंद्रचूड़ रिटायर हो जाएगा. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश का 50वां चीफ जस्टिस बनाया. 9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस पद की शपथ ली.

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