CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को एक सुनवाई के दौरान वकील के अंग्रेजी में ‘या.. या..’ कहने पर नाराज हो गए। उन्होंने वकील को डांटते हुए कहा- यह कोई कॉफी शॉप नहीं है। ये क्या है या.. या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। आप यस बोलिए। हद तो तब हो गई, जब चंद्रचूड़ की डांट सुनकर कील अंग्रेजी की जगह मराठी बोलने लगा।
डांट सुनने के बाद वकील ने बताया कि वह पुणे का रहने वाला है। वह मराठी में दलीलें देने लगा, इस पर CJI ने भी मराठी में ही उसे समझाने की कोशिश की।
दरअसल सीजेआई चंद्रचूड़ एक रिट पिटीशन पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें याचिकाकर्ता ने उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (Former CJI Ranjan Gogoi )ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें नौकरी से गैरकानूनी तरीके से टर्मिनेशन दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने साल 2018 में याचिका दाखिल की थी। इसे खारिज कर दिया गया था। उन्होंने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की भी मांग की। रंजन गोगोई अभी राज्यसभा सांसद हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ जब याचिका पर सुनवाई कर रहे थे तो उन्होंने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या यह मामला आर्टिकल 32 याचिका के लिए उपर्युक्त है। आर्टिकल 32 मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए सुप्रीम कोर्ट में सीधे अपील करने की अनुमति देता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप एक जज को प्रतिवादी कैसे बना सकते हैं। कोई भी गरिमा होनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता खुद ही अपनी तरफ से दलीलें दे रहे थे। याचिकार्ता ने सीजेआई चंद्रचूड़ की इस बात पर Yeah बोलकर सहमति जताई और कहा, ‘Yeah, Yeah, पूर्व सीजेआई रंजन गोगोईय़ मुझसे क्यूरेटिव फाइल करने के लिए कहा गया था। जैसे ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये बात सुनी तो उन्होंने Yeah शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘Yeah, Yeah, Yeah मत बोलो. Yes बोलिए. ये कोई कॉफी शॉप नहीं है. मुझे Yeah शब्द से दिक्कत है. हियरिंग में ऐसे बोलने की अनुमति नहीं है।
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सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सही हो या गलत, सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला आ चुका है। रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी गई है। अब आपको क्यूरेटिव दाखिल करना होगा, लेकिन आप ऐसा नहीं करना चाहते। CJI ने यह भी साफ किया कि जब किसी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो मामले का फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के जज को पार्टी नहीं बनाया जाता।
कौन हैं जस्टिस गोगोई
जस्टिस गोगोई वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। सुप्रीम कोर्ट में टॉप पोस्ट पहुंचने वाले पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति थे और उन्हें दशकों पुराने राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील अयोध्या भूमि विवाद मामले पर फैसला सुनाने का श्रेय दिया जाता है। वे 17 नवंबर 2019 को CJI के पद से रिटायर हुए थे।
वकील की अंग्रेजी पर पड़ी डांट
- एडवोकेट : पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई का फैसला वैलिड टर्मिनेशन नहीं था।
- CJI चंद्रचूड़ : लेकिन क्या यह अनुच्छेद 32 की याचिका है? आप एक जज को पार्टी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं।
- एडवोकेट : या..या.. तब CJI रंजन गोगोई ने मुझे एक क्यूरेटिव दायर करने के लिए कहा था।
- CJI चंद्रचूड़ : यह एक कॉफी शॉप नहीं है! यह क्या है या..या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती।
पहले भी वकील को फटकार चुके हैं
बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब CJI ने वकील को फटकार लगाई है। इससे पहले भी कई मौकों पर वकील को डांट लगाने के साथ ही फटकार लगा चुके हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च को उन याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान नेदुमपरा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड मामला बिल्कुल भी न्यायसंगत मुद्दा नहीं था।
जब नेदुमपरा बोल रहे थे तो CJI ने उनसे रुककर सुनने के लिए कहा, लेकिन नेदुमपरा ने कहा कि मैं इस देश का नागरिक हूं। इस पर CJI ने कहा, “एक सेकंड, मुझ पर चिल्लाओ मत। नेदुमपरा ने जवाब दिया, “नहीं, नहीं, मैं बहुत नरम (आराम से बोलना) हूं।
अदालत कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं
29 जनवरी को कोर्ट-रूम में गलत व्यवहार करने पर एक वकील की जमकर क्लास ली थी। CJI ने कहा- ये कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं। पहले किसी सीनियर से सीखें कि कोर्ट-रूम में किस तरह से व्यवहार किया जाता है। फटकार के बाद भी वकील अपनी बात पर अड़ा रहा। उसने कहा कि वो न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसमें सुधार चाहता है।
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