शशांक द्विवेदी, खजुराहो। मध्य प्रदेश के खजुराहो के छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर हॉल में “पैरा लीगल वॉलंटियर्स एवं पैनल अधिवक्ताओं की रणनीतिक भूमिका विधिक सहायता एवं मध्यस्थता का भविष्य” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति CJI सूर्यकांत के मार्गदर्शन में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। कार्यक्रम से पहले खजुराहो एयरपोर्ट पर CJI का स्वागत खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा, राजनगर विधायक अरविंद पटेरिया ने किया। वहीं एयरपोर्ट पर गॉड ऑफ ऑनर सलामी CJI सूर्यकांत को दी गई।

इस सेमिनार में 300 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए, जिनमें न्यायाधीश, विधिक व्यवसायी, पैरा लीगल वॉलंटियर्स, पैनल अधिवक्ता, शिक्षाविद् तथा विभिन्न विधिक सहायता संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। सेमिनार में विशेष रूप से ग्रामीण एवं उपेक्षित क्षेत्रों में विधिक सहायता सेवाओं की दक्षता व पहुंच को बढ़ाने के लिए नवाचारी रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 39ए के संवैधानिक आदेश के अनुरूप है।

सीजेआई सूर्यकांत ने पैरा लीगल वॉलंटियर्स एवं पैनल अधिवक्ताओं की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विधिक सहायता प्रदान करने वाली संस्था व विधिक सहायता प्राप्त करने वाले नागरिकों के मध्य पीएलवी. सेतु का काम करती हैं। CJI ने कहा कि पैरा लीगल वॉलंटियर्स की ये नैतिक जिम्मेदारी है कि वह गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें। वर्तमान समय में न्यायालयों को अस्पताल की तरह हर वक्त कार्य कर जरूरतमंदों को विधिक सहायता देनी चाहिए।

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