दिल्ली में पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल न देने का निर्णय फिलहाल टाल दिया गया है, लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में पुराने वाहनों को जब्त किया गया है. इनमें ऐसे वाहन भी शामिल हैं जो अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड हैं और वहां अभी भी चलाने की अनुमति है. पहली बार जब्त किए गए वाहनों के मालिक उन्हें वापस प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें 3 सप्ताह के भीतर अपना दावा प्रस्तुत करना होगा.
जब्त किए गए वाहन को वापस पाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन करना होगा. इसके साथ ही, परिवहन विभाग को एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि वाहन को दिल्ली में नहीं चलाया जाएगा, बल्कि इसे किसी अन्य राज्य में भेज दिया जाएगा.
दिल्ली में किसी सार्वजनिक स्थान पर इस वाहन को खड़ा करना निषिद्ध है. यदि वाहन को जब्त कर लिया गया है, तो उसके मालिक को चार पहिया वाहन के लिए 10,000 रुपये और दो या तीन पहिया वाहन के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना अदा करना होगा ताकि वह अपने वाहन को छुड़ा सके.
परिवहन विभाग के अनुसार, वाहन मालिक को अपने उम्रदराज वाहन को छुड़वाने का अवसर केवल एक बार दिया जाएगा. यदि वाहन दोबारा जब्त होता है, तो उसे छोड़ने का विकल्प नहीं होगा और वह स्क्रैप के लिए भेजा जाएगा. विभाग ने वाहन मालिकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वाहनों को छोड़ने के लिए एक एसओपी जारी की है. इसके तहत, यदि किसी वाहन को स्क्रैप किया जाता है, तो मालिक को आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसके बाद संबंधित राशि उसके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी.
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के तहत पुराने वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है. इस प्रक्रिया के लिए पेट्रोल पंपों पर विशेष कैमरे स्थापित किए गए हैं. उम्र पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों को जब्त किया जा रहा है, चाहे वे दिल्ली के हों या अन्य राज्यों से आए हों.
श्रेणी-1, अगर जब्त वाहन दिल्ली-NCR से बाहर शिफ्ट करना चाहते हैं तो…
परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि छोड़े गए वाहन को दिल्ली-एनसीआर से बाहर ले जाया जाएगा, जिसके लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करना आवश्यक है.
वाहन के रजिस्ट्रेशन की फोटोकॉपी भी विभाग में जमा करनी होगी ताकि मालिकाना हक की पुष्टि की जा सके.
यदि वाहन दिल्ली में रजिस्टर्ड है, तो उसे दिल्ली-एनसीआर से बाहर ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगा.
चार पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये और दो या तीन पहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये का शुल्क अदा करना होगा.
इन सभी दस्तावेजों और शुल्कों के जमा करने के बाद कार्यदायी संस्था द्वारा रिलीज ऑर्डर जारी किया जाएगा, जिससे स्क्रैप यार्ड से वाहन को छोड़ दिया जाएगा.
श्रेणी-2, जो वाहन को दिल्ली-NCR में रखना चाहते हैं…
मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि छोड़े गए वाहन को निजी पार्किंग में रखा जाएगा, जिसके लिए उसे एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा.
वाहन मालिक को निजी पार्किंग स्थल का प्रमाण देना आवश्यक है, जो आरडब्ल्यूए या किसी अन्य अधिकृत एजेंसी द्वारा जारी आवंटन पत्र के रूप में हो सकता है.
वाहन के पंजीकरण प्रमाण-पत्र की एक प्रति भी जमा करनी होगी.
चार पहिया वाहन के लिए 10,000 रुपये और दो या तीन पहिया वाहन के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना और पार्किंग शुल्क अदा करना होगा.
जब यह सभी प्रक्रियाएँ पूरी हो जाएँगी, तो कार्यदायी संस्था के अधिकारी दस्तावेजों की जांच करेंगे और संतुष्ट होने पर वाहन को छोड़ने का आदेश जारी करेंगे.
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श्रेणी-3, जो वाहन दिल्ली-NCR से बाहर के शहरों में रजिस्टर्ड हैं.
वाहन मालिक को यह हलफनामा देना अनिवार्य होगा कि वाहन छूटने के बाद दोबारा दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगा.
वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड की फोटोकॉपी भी जमा करनी होगी.
पूर्व की श्रेणी के अनुसार, चार पहिया वाहनों के लिए 10 हजार रुपये और दो या तीन पहिया वाहनों के लिए 5 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
यदि जुर्माने की राशि जमा नहीं की गई, तो यह पहली बार का अपराध परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप वाहन को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.
केवल जुर्माना जमा कराने पर ही इस ब्योरे को पोर्टल से हटाया जा सकेगा. यदि वाहन छूटने के बाद दूसरी बार दिल्ली में प्रवेश करता है, तो उसे स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा.
कबाड़ बन जाएगा
● यदि आवेदन तीन सप्ताह के भीतर नहीं किया गया है, तो यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी.
● प्रवर्तन एजेंसी सभी आवश्यक दस्तावेजों की अनुपस्थिति में आवेदन को अस्वीकृत कर देती है.
● यदि एक ही वाहन को दूसरी बार जब्त किया गया है, तो विशेष प्रावधान लागू होते हैं.
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