नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच जंग के हालात में फंसे भारतीय छात्रों द्वारा कथित तौर पर उनकी निकासी के बदले शौचालय साफ कराने की मीडिया रिपोर्ट्स को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूरे देश का अपमान करार दिया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मजबूर छात्रों के साथ ऐसा शर्मनाक बर्ताव पूरे देश का अपमान है। उन्होंने कहा ऑपरेशन गंगा के इस कड़वे सच ने केंद्र की मोदी सरकार का असली चेहरा दिखाया है।
दरअसल यूक्रेन से वापस आई एक भारतीय छात्रा ने इंडियन एंबेसी के अधिकारियों पर एक ऐसा ही गंभीर इल्जाम लगाया है। बिहार के सहरसा की निवासी प्रतिभा विनिस्तिया ने कहा है कि, ‘रोमानिया के लोगों ने हमारी काफी सहायता की, रुकने की जगह दी और भर पेट खाना खिलाया लेकिन रोमानिया में हमें जो इंडियन एंबेसी के लोग मिले और उन्होंने हमसे बेहद गंदा व्यवहार किया। उन्होंने हमें ऑफर दिया कि जो बाथरूम साफ करेगा, हम उसे पहले भारत ले जाएंगे और अन्य लोगों को बाद में।’
मेडिकल यूनिवर्सिटी की फोर्थ ईयर की छात्र प्रतिभा के अनुसार, रोमानिया बॉर्डर तक जाने के लिए भी स्टूडेंट्स को खुद ही पहल करना पड़ा। उनसे सरहद तक जाने के लिए बस वालों ने प्रति छात्र 6 हजार रुपये लिए। छात्रा ने संदेह जताते हुए कहा कि इसमें एजेंट्स और एंबेसी वाले दोनों मिले हुए थे। प्रतिभा ने आगे कहा कि, बस से 14 घंटे की यात्रा करके हम रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचे। छात्र इतने थके हुए थे कि किसी की हिम्मत नहीं थी कि बाथरूम साफ कर सकें, मगर वो भी जल्द से जल्द भारत वापस जाना चाहते थे। घर जाने की इतनी बेसब्री थी कि कुछ छात्र टॉयलेट साफ करने पहुंच गए।
राहुल गांधी ने इसी मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा कि संघर्ष प्रभावित यूक्रेन से उनकी निकासी की सुविधा के लिए शौचालय साफ करने के लिए कहा जाना पूरे देश का अपमान है।
इस बीच, केंद्र सरकार यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के अपने प्रयास तेज कर रही है। सरकार ने यूक्रेन की सीमा से लगे चार पड़ोसी देशों में भारतीय नागरिकों की निकासी प्रक्रिया में समन्वय और निगरानी के लिए ‘विशेष दूत’ तैनात किए हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी में निकासी प्रयासों की देखरेख कर रहे हैं, स्लोवाकिया में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, रोमानिया में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पोलैंड में जनरल वीके सिंह मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने पर कई बैठकों की अध्यक्षता की।