Clash During Nomination in Bengal. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in West Bengal) के नामांकन के दौरान झड़प हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और कई अन्य घायल हो गए हैं. राज्य में अगले महीने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने है. पुलिस ने कहा कि कोलकाता से करीब 30 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले के भांगोर में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि राज्य के उत्तरी हिस्से में सिलीगुड़ी से करीब 50 किलोमीटर दूर उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में बदमाशों ने एक अन्य युवक की गोली मारकर हत्या कर दी.

राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष पर हिंसा को अंजाम देकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने हिंसा की घटनाओं में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.

2003 और 2013 के चुनाव में भी मारे गए थे लोग

ममता बनर्जी ने 2003 में इसी तरह की स्थिति का हवाला देते हुए कहा, “ग्रामीण चुनाव इतने स्थानीय हैं कि एक ही परिवार के तीन या चार सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, “विपक्षी दल नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा करके गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वे ऐसा राज्य की छवि को खराब करने के लिए कर रहे हैं. अगर वे (विपक्ष) सोचते हैं कि वे एकतरफा हिंसा करेंगे, तो लोग करारा जवाब देंगे.” बता दें कि 2003 में पंचायत चुनाव में 36 लोग मारे गए थे.

सीएम ने राज्य में 2013 के पंचायत चुनावों का भी उल्लेख किया और कहा कि उस वक्त पंचायत चुनाव केंद्रीय बलों की देखरेख में हुआ था, लेकिन हिंसा को रोकने में मदद नहीं मिली और उस दौरान भी 49 लोग मारे गए थे. भांगोर में चल रही हिंसा के बारे में बात करते हुए बनर्जी ने पार्टी का नाम लिए बिना इसके लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया.

75000 सीटों पर होना है मतदान

बता दें कि बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों में लगभग 75,000 सीटों के लिए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदान होगा. बुधवार तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, टीएमसी, जो पहले कुछ दिनों में नामांकन दाखिल करने में विपक्ष के पीछे थी, उसने लगभग 50,000 सीटों पर नामांकन दाखिल किया था, जबकि भाजपा ने लगभग 46,000 सीटों पर नामांकन किया था, और माकपा और कांग्रेस ने क्रमशः 38,000 और 11,000 सीटों को कवर किया था.