लखनऊ. यूपी में कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले दुकान के बाहर दुकानदारों का नाम लिखने के आदेश पर घमासान मचा हुआ है. इसको लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद अदालत का दरवाजा खटखाटाने वाला है. जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा कि इस फरमान को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी क्योंकि धर्म की आड़ में नफरत की राजनीति की जा रही है. बताया जा रहा है कि जमीयत उमेला ए हिंद ने दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है.
इस आदेश को भेदभावपूर्ण और सांप्रद्रायिक बताते हुए सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात भी कही गई है. रविवार को जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस संबंध में बड़ी बैठक बुलाई है. जमीयत का यह भी कहना है कि उसकी कानूनी टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार करने में जुटी है. प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद ने यूपी में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह ‘भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक’ फैसला है और इससे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन होता है.
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बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम लिखने के आदेश के कुछ दिन बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य के लिए ऐसा ही आदेश जारी करने का फैसला किया.
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