नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है. सत्ता दल और विपक्षी पार्टी एक दूसरे पर धर्मांतरण को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने सरकार को चैलेंज करते हुए कहा कि श्वेतपत्र जारी कर स्पष्ट करे. हमारे शासनकाल में कोई चर्च नहीं बना है. इसपर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने कहा है कि भूपेश शासनकाल में एक आईपीएस ने सुकमा से पत्र जारी कर कहा गया था आदिवासियों की संस्कृतियों पर आक्रमण हो रहा है, ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करा रही है. क्या ये पत्र उन्होंने नहीं पढ़ा था ? हम इन मुद्दों से सख्ती से निपटने के लिए तैयार है.
बता दें कि बीते दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम में कहा था कि मिशनरियां का बोलबाला है. हेल्थ और शिक्षा में हावी है. मिशनरी स्कूल्स इसकी आड़ में धर्मांतरण करते हैं. सरगुजा और बस्तर में शिक्षा की अलग जगाना जरुरी है. जिससे धर्मांतरण रुकेगा और हिंदुत्व को ताकत मिलेगी. उनके इस बयान के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है.
धर्मांतरण पर सीएम विष्णुदेव साय के बयान पर कांग्रेस ने चुनौती दी है. कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि चर्च की संख्या को लेकर श्वेतपत्र जारी सरकार करे. रमन सिंह और भूपेश बघेल के शासन में कितने चर्च बने. राज्य सरकार श्वेतपत्र जारी कर यह स्पष्ट करे. कांग्रेस के शासनकाल में कोई चर्च नहीं बना है. चुनाव के मद्देनजर BJP धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है.
कांग्रेस की चुनौती पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि धर्मांतरण संवेदनशील मुद्दा है. भूपेश की सरकार में एक आईपीएस ने सुकमा से पत्र जारी किया था. उसमें कहा गया था आदिवासियों की संस्कृतियों पर आक्रमण हो रहा है, ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करा रही हैं. क्या ये पत्र उन्होंने नहीं पढ़ा था ? भाजपा इस मुद्दे पर सख्ती से निपटने के लिए तैयार है.
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