रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय निकाय के आवहान पर प्रदेश के 27 जिलों के लिपिक कर्मचारियों का आज 7वां दिन हड़ताल जारी है. जिला, तहसील, विकासखंड मुख्यालय में लिपिकों ने धरना देकर प्रदर्शन कर रहे और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी ककर रहे है. लिपिको के आंदोलन से निर्वाचन सहित समस्त कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो गया है.  राजस्व न्यायालयों में काम बंद होने से आम जनता एवं शासन को भारी असुविधा हो रही है.

लल्लूराम डॉट काम से हुई बातचीत में प्रान्तीय प्रवक्ता जाहिद अहमद खान ने बताया कि सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे. वेतन विसंगति को दूर कर राजस्थान के तर्ज पर ग्रेड-ंउचयपे में सुधार करने की मांग कर रहे है. उन्होंने ये भी कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो भूख हड़ताल, आमरण अनशन जैसे अप्रिय कदम उठाया जाएगा.

लिपिक कर्मचारी विगत 37 वर्षों से लंबित वेतन विसंगति दूर करने एवं राजस्थान सरकार की तर्ज पर ग्रेड-ंउचयपे में सुधार की मांग तथा चार स्तरीय दोन्नत वेतनमान की मांग को लेकर विगत 4 माह से विभिन्न चरणों में आंदोलनरत है. इसके बावजूद सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की पहल नहीं होने से लिपिकों में भारी आक्रोश है. उनके द्वारा प्रदेशस्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का शंखनाद 7 सितंबर से किया गया है. लिपिकों ने शासन की संवेदनहीनता पर आक्रोश जताया है.

प्रदेश के लिपिकों द्वारा अपने आंदोलन को तेज करते हुए 11 सितंबर को जेल भरो आंदोलन सफलतापूर्वक संपन्न किया गया. आगामी दिनों में यदि शासन अपने कुंभकरणीय नींद से नहीं जागती है तो प्रदेश के लिपिकों को बाध्य होकर भूख हड़ताल, आमरण अनशन जैसे अप्रिय कदम उठाने की चेतावनी दे रही है. इससे पहले भी कर्मचारी अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को सौंपे थे.