Bhoramdev Festival: प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. शहर में आयोजित दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का समापन सोमवार देर रात को हुआ. समापन से पहले जिले के अलग-अलग सिद्धपीठ मंदिरों के पुराजियों ने मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की. समापन समारोह में लोक गायिका अलका चंद्राकर ने पारंपरिक गीत, कर्मा, ददरिया और जसगीत से समा बांधा.
सोमवार शाम 4 बजे से स्थानीय कलाकार और स्कूली बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी. उसके बाद देश के कई ख्याति प्राप्त कलाकारो ने अपनी प्रस्तुति दी. सारेगामा पा के विजेता बॉलीवुड के मशहूर कलाकार इशिता विश्वकर्मा ने अपने अंदाज में कई नए और पुराने फिल्मी गाने गाकर दर्शकों का दिल जीता. वहीं लोक गायिका अलका चंद्राकार ने पूरा भोरमदेव महोत्सव का माहौल बदल दिया.
अलका चंद्राकार ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक गीत, कर्मा, ददरिया और जस गीत से समा बांधा. अलका चंद्राकार के गीतों पर दर्शक अपने आप को रोक नहीं पाए और अपने सीट से उठकर झूमते नजर आए. दर्शकों को मनाने में पुलिस के पसीने छूट गए. रविवार को भीड़ कम थी, भोरमदेव महोत्सव में सोमवार को मौसम ने साथ दिया, जिसके चलते हजारों की संख्या में महेमान कलाकारों को सुनने पहुंचे.
कलेक्टर ने पुजारियों और कलाकारों का किया सम्मान
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने सभी कलाकार और सिद्धपीठ मंदिरों के पुजारियों को प्रशस्तिपत्र और भोरमदेव मंदिर का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. वहीं रविवार को बारिश ने महोत्सव में खलबली मचा दी थी. बारिश को देखकर ऐसा लग रहा था कि संस्कृति कार्य्रकम को स्थगित किया जा सकता है, लेकिन बारिश के थमने के बाद देर शाम भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ किया गया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने अपने गानों से भोरमदेव महोत्सव में रौनक लाई.
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