संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। मुंगेली वनमण्डल के खुड़िया वनपरिक्षेत्र का जंगल और जंगली जानवर सुरक्षित नहीं है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं की खुड़िया क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों अवैध अतिक्रमण करने वाले पेड़ पौधों को क्षति पहुंचाते हुए कब्जा कर रहे हैं. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से की लेकिन कार्रवाई के नाम पर वन विभाग के कर्मचारी खानापूर्ति कर रहे हैं. इसके चलते अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद है. वहीं खुड़िया के जंगलों में अवैध अतिक्रमण को लेकर आज उपमुख्यमंत्री अरुण साव से ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग को लेकर शिकायत की है.

क्या है मामला

खुड़िया का जंगल अतिक्रमण के चलते अब सुरक्षित नहीं है. दरअसल कंसरी परिसर के कक्ष क्रमांक 1523 संरक्षित वन क्षेत्र में जारी अतिक्रमण को हटाकर बेदखली की कार्रवाई करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने लोरमी एसडीओ को शिकायत की है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन क्षेत्र खुड़िया के कारीडोंगरी परिक्षेत्र अंतर्गत कंसरी परिसर में लगभग 214 हेक्टेयर वन क्षेत्र में करीब 40 लोगों की ओर से जंगल को काटते हुए खेत एवं झोपड़ी का निर्माण कर अवैध रूप से कृषि कार्य किया जा रहा है.

अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पूर्व में बेदखली की कार्रवाई सहित आदेश भी जारी हो चुका है इसके बावजूद इस वर्ष भी अवैध अतिक्रमण करते हुए झोपड़ी का निर्माण कर खेती कार्य किया जा रहा है. इस अतिक्रमण में ऐसे लोग भी शामिल है जिनके नाम की जमीन कंसरी अखरार सहित अन्य गांव में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार दर्ज है. इसके बाद भी वे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे हैं. इसके चलते अब जानवरों के चारागाह के लिए संकट की स्थिति निर्मित हो रही है. कब्जाधारियों ने इन क्षेत्रों में जानवरों की आवाजाही पर रोक लगा दी है, जिसके चलते भोजन की तलाश में दूसरे स्थान पर उन्हें भटकना पड़ रहा है.

शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने लोरमी एसडीएम सहित वन विभाग के एसडीओ को लिखित में ज्ञापन सौंपते हुए जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. बहरहाल देखना होगा कब तक वन भूमि में हो रहे अतिक्रमण पर बेदखली की कार्रवाई विभाग की ओर से की जाती है.

खुड़िया क्षेत्र के सैकड़ों वनभूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर लोरमी के SDO दशहंस प्रकाश सूर्यवंशी ने बताया कि आदतन लोगों की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा है. खुड़िया वनपरिक्षेत्र के कारीडोंगरी इलाके में वनभूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है. उक्त शिकायत में भारतीय वन अधिनियम के तहत जल्द ही नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.