रायपुर- धमतरी में किसान आभार सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा है कि अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में थे, तब मोदी चुनावी रैली कर रहे थे. देश के गृहमंत्री गोरखपुर में बूथ को मजबूत करने में जुटे थे. हम यह नहीं पूछ रहे है कि कितने आतंकवादियों को मारा,हम पूछ रहे हैं कि पुलवामा की घटना क्यों घटी? जवान शहीद क्यों हो रहे हैं? सीआरपीएफ जवानों के काफिले में आरडीएक्स भरी गाड़ी कहां से आ गई? चालीस जवान शहीद कैसे हो गए? एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि आज देश संकट में है, देश की सीमा सुरक्षित नहीं है. लेकिन एक समय था, जब लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री रहते हुए देश ने पाकिस्तान को परास्त किया था, तब उन्होंने नारा दिया था जय किसान, जय जवान. एक ने भी शास्त्री के निर्णय पर तब उंगली नहीं उठाई थी. इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थी, तब बांग्लादेश को आजाद कराने उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े करने का फैसला लिया. पाकिस्तानी सेना के 90 हजार जवानों ने आत्मसमर्पण किया था, तब भी किसी ने उंगली नहीं उठाई, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. जब होटल ताज में आतंकी हमला हुआ था, तब तत्कालीन गृहमंत्री एस के पाटिल के बार-बार सूट बदले जाने पर उठे सवालों के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जिस वक्त पुलवामा में जवानों पर आतंकियों ने हमला किया, तब जिम कार्बेट में नरेंद्र मोदी फोटो शूट करा रहे थे. क्या ऐसे प्रधानमंत्री को इस्तीफा नहीं देना चाहिए.
भूपेश बघेल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि ये शाह कब पाकिस्तान जाकर गिनती कर आए कि कितने आतंकवादी मरे. उन्होंने कहा कि 250 आतंकवादी मारे गए. बघेल ने कहा कि देश को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. इनसे सचेत रहने की जरूरत है. पूरा देश एकजुट है. राहुल गांधी ने कहा था कि हम शहीद परिवारों के साथ हैं, आतंकवाद के खिलाफ सरकार के हर निर्णय के साथ हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्री ने आल पार्टी मीटिंग नहीं बुलाई. आज हम सबको संगठित होने की जरूरत है. देश के अंदर और बाहर के दुश्मनों से हमे डटकर मुकाबला करना है.
मोदी पर चला बयानों का तीर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के उस निर्णय पर भी जमकर चुटकी ली, जिसके तहत किसानों को छह हजार रूपए सालाना दिए जाने की घोषणा बजट में की गई थी. बघेल ने कहा कि मित्रों….कहकर संबोधित करने वाले कहते थे हर किसी के खाते में 15-15 लाख रूपए आएगा. उन्होंने कहा है कि किसानों के खाते में एक साल में छह हजार रूपए डालेंगे. चुनाव करीब है, इसलिए दो हजार रूपए डाल भी दिए हैं. एक साल में छह हजार रूपए यानी महीने में पांच सौ रूपए और एक दिन का करीब साढ़े तीन रूपए, इतने में तो किसान का गुटखा भी नहीं आता. छत्तीसगढ़ में हमने किसानों को पांच एकड़ कृषि भूमि पर एक लाख 27 हजार रूपए दिया है और मोदी दो हजार रूपए देकर सीना ठोक रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने चप्पल भी खूब खरीदा, लेकिन जिन्हें बांटा उनके एक पैर में छह नंबर तो दूसरे में सात नंबर का चप्पल दे दिया. चप्पल खरीदी में भी खूब कमीशन चला. पिछली सरकार मोबाइल भी बांट रही थी, उसमें भी कमीशन लिया गया. लेकिन हमने साफ कर दिया है कि सरकार की पसंद से नहीं अब आदिवासी अपनी पसंद से चप्पल खरीदेगा. मोबाइल बांटने में हुई कमीशन खोरी के हमने जांच के आदेश दिए हैं.