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इन दो प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ने की बनी रणनीति
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक में दो प्रोजेक्ट्स यानि वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय और 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की रणनीति पर आगे बढ़ने के निर्देश दिए. पायलट प्रोजेक्ट के तहत यमुना नदी के पश्चिमी तट पर वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ एरिया में कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने से 1,735 एमजी मानसून का पानी जमा किया जा सकेगा. इस जमा पानी को शुद्ध कर पीने योग्य बनाया जाएगा, जो लोगों के घर तक पहुंचाया जाएगा. वहीं, दिल्ली सरकार की योजना है कि यमुना नदी में 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने से मानसून के पानी की स्टोरेज क्षमता में वृद्धि हो जाएगी. इस मिनी जलाशय की गहराई 10 मीटर होगी और इसमें करीब 223 एमजी पानी का स्टोर किया जा सकेगा.
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पेयजल क्षमता बढ़ाने के लिए तीन रणनीति पर काम प्रस्तावित
दिल्ली सरकार द्वारा यमुना के करीब 32,203 एमजी मानसून के पानी को स्टोर करने के लिए तीन रणनीति प्रस्तावित की गई है. पहला, 200 एकड़ के 20 कैचमेंट वेटलैंड भंडारण जलाशय बनाए जाएंगे और सभी जलाशयों की गहराई दो मीटर होगी, जहां 8,552 एमजी मानसून का पानी स्टोर किया जा सकेगा. दूसरा, वजीराबाद जलाशय के एक हजार एकड़ एरिया में तालाब का विस्तार किया जाएगा. इसकी गहराई दो मीटर होगी और यहां पर 2,138 एमजी मानसून के पानी का भंडार हो सकेगा. वहीं तीसरे प्रस्ताव के तहत, 100 एकड़ के 20 ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाए जाएंगे. सभी जलाशयों की गहराई 10 मीटर रखी जाएगी, जहां करीब 21,381 एमजी मानसून के पानी का भंडारण हो सकेगा. इन तीन रणनीतियों के अलावा मौजूदा तालाब की दो मीटर की गहराई तक सिल्ट (गाद) निकाली जाएगी. इससे 132 एमजी पानी का अतिरिक्त भंडारण हो सकेगा.
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