नई दिल्ली। दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है, हालांकि अब दिल्ली में उन्हीं लोगों को बिजली पर सब्सिडी मिलेगी, जो लोग सब्सिडी मांगेंगे. दिल्ली में एक अक्टूबर से बिजली पर सब्सिडी स्वैच्छिक होने जा रही है. दिल्ली सरकार सभी बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी चुनने या छोड़ने का विकल्प देगी. दिल्ली कैबिनेट ने गुरुवार को यह अहम निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार ने 2016-17 में बिजली सब्सिडी योजना की शुरुआत की थी. सरकार द्वारा दिल्ली वालों को कई कैटेगरी में बांट कर बिजली पर सब्सिडी प्रदान की जाती है. यहां 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है. 200 यूनिट से कम बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं का 100 फीसदी बिजली का बिल माफ होता है. दिल्ली में 200 यूनिट से नीचे बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या करीब 30,39,766 है, जिनको जीरो बिल का लाभ मिल रहा है.
इन लोगों को मिल रही है बिजली सब्सिडी
वहीं, 201 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अधिकतम 800 रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. इस क्षेणी में दिल्ली में करीब 16,59,976 बिजली उपभोक्ता हैं, जिनको इसका लाभ मिल रहा है. इस तरह कुल 46,99,742 घरेलु उपभोक्ताओं को सब्सिडी योजना का लाभ मिल रहा है. इसके अलावा, दिल्ली में रहने वाले 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को भी केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली पर सब्सिडी प्रदान की जाती है. दिल्ली में सिख दंगा पीड़ित 758 बिजली उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल रहा है. साथ ही, केजरीवाल सरकार किसानों को भी 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देती है, जो आगे भी जारी रहेगी. इसका करीब 10,676 किसानों को लाभ आगे भी मिलता रहेगा.
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जो सब्सिडी मांगेंगे उन्हें ही मिलेगी सब्सिडी
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली का बिल देने में सक्षम लोगों से मिले सुझावों के बाद यह निर्णय लिया गया है. बिजली पर सब्सिडी चाहिए या नहीं चाहिए, इसके लिए सरकार हर उपभोक्ता को अब विकल्प देगी. जो लोग सब्सिडी मांगेंगे, उसको सब्सिडी मिलेगी और जो लोग सब्सिडी नहीं मांगेंगे, उनको नहीं मिलेगी. दिल्ली कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी बिजली सब्सिडी योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है. कैबिनेट के इस फैसले से कोरोना महामारी के बाद महंगाई की मार झेल रहे दिल्ली के करीब 47,11,176 बिजली उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी. पिछले वर्ष की भांति जारी वित्तीय वर्ष (2022-23) में भी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं, किसानों, कोर्ट परिसर, वकीलों के चैंबर और 1984 सिख दंगा पीड़ितों को बिजली पर सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा.
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बिजली सब्सिडी योजना को आगे भी जारी रखने का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में बिजली विभाग की तरफ से बिजली सब्सिडी योजना को आगे भी जारी रखने का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव में कहा गया कि दिल्ली सरकार की तरफ से घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, कोर्ट परिसर और वकीलों के चैंबर्स को उनके खपत के आधार पर कई कैटेगरी में बांटकर सब्सिडी दी जाती है, जिसे आगे जारी रखा जाना चाहिए. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
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लोगों से ली जाएगी राय
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में बहुत सारे लोगों को फ्री बिजली मिलती है. इसके लिए दिल्ली सरकार सब्सिडी देती है. बीच-बीच में कई लोगों के सुझाव भी आते हैं और कई लोगों की चिट्ठी आती है. वे कहते हैं कि यह अच्छी बात है कि दिल्ली सरकार हमें फ्री बिजली दे रही है, लेकिन हमारे में से कुछ लोग हैं, जो बिजली का बिल देने सक्षम हैं, इसलिए हम फ्री बिजली नहीं लेना चाहते हैं. हम आपकी सब्सिडी नहीं लेना चाहते हैं. आप इस पैसे को कहीं स्कूल और अस्पताल बनाने में इस्तेमाल कर लीजिए. इसलिए अब हमने तय किया है कि दिल्ली सरकार बिजली सब्सिडी के लिए एक विकल्प देगी. हम लोगों से पूछेंगे कि क्या आपको बिजली की सब्सिडी चाहिए. अगर वो कहेगा कि हां, हमें बिजली की सब्सिडी चाहिए, तो हम उसको सब्सिडी देंगे. अगर वो कहेगा कि हमें बिजली की सब्सिडी नहीं चाहिए, तो हम उनको सब्सिडी नहीं देंगे. सब्सिडी चाहिए या नहीं चाहिए, यह लोगों से पूछने का काम जल्दी शुरू होगा. एक अक्टूबर से दिल्ली के अंदर उन्हीं लोगों को बिजली की सब्सिडी दी जाएगी, जो लोग बिजली की सब्सिडी मांगेंगे.
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