दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को समन पर अपना जवाब भेज दिया है. ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था. समन पर पेशी की बजाय पंजाब में विपश्यना के लिए जा चुके केजरीवाल ने समन को राजनीति से प्रेरित और गैर जरूरी करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.
केजरीवाल ने कहा कि वह हर कानूनी समन मानने को तैयार हैं, लेकिन ईडी का यह समन भी पिछले समन की तरह गैर कानूनी है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए वापस लेने की मांग की. दूसरी बार ईडी के समन को दरकिनार करने वाले केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जिया. मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं है.’ इससे पहले केजरीवाल को 2 नवंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी ने तलब किया था. तब उन्होंने चुनावी व्यस्तता का हवाला दिया था.
केजरीवाल को ईडी ने ऐसे समय पर पूछताछ के लिए बुलाया है जब आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाए जाने की तैयारी चल रही है. कथित शराब घोटाले से जुड़े इसी मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में बंद हैं. अक्टूबर के पहले सप्ताह में आम आदमी पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. आप नेता विजय नायर को भी गिरफ्तार किया गया था.
कथित शराब घोटाले की जांच ईडी के अलावा सीबीआई भी कर रही है. दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2021 की आबकारी नीति में अरविंद केजरीवाल सरकार ने अवैध तरीके से ऐसे प्रावधान किए जिससे शराब कारोबारियों को अधिक मुनाफा पहुंचाया गया. बदले में शराब कारोबारियों ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को रिश्वत दी. हालांकि, अरविंद केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी जांच एजेंसियों के आरोपों को सिरे से खारिज करती रही हैं.