सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक समाचार पत्र के एजुकेशन समिट में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल से छत्तीसगढ़ में शिक्षा को लेकर किए जा रहे नवाचार पर बात हुई. परिचर्चा में मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को शिक्षा लोकल से लेकर ग्लोबल लैंग्वेज में प्रदान की जा रही है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार किए गए हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एजुकेशन समिट के दौरान छत्तीसगढ़ में शिक्षा में नवाचारों पर बात की. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वक्त स्कूली बच्चों को 16 स्थानीय बोलियों और चार पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है. वहीं वैश्विक जरुरतों और बच्चों के भविष्य में बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी भाषा में शिक्षा देने की शुरुआत की गई है. इसके लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट शासकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए. वर्तमान में राज्य लगभग 300 स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित हो रहे हैं. आगामी शिक्षा सत्र में 422 स्वामी आत्मानंद स्कूल होंगे.

आगे मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि, हम छत्तीसगढ़ के हर राज्य में अंग्रेजी माध्यम कॉलेज भी स्थापित कर रहे हैं, ताकि राज्य के बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि हिन्दी माध्यम के स्कूलों में भी गुणवत्ता सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तरह ही उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल शुरू किए जा रहे हैं.

इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल से स्कूली पाठ्यक्रम में राष्ट्रवाद को शामिल करने के सवाल किया गया, जिस पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद का अर्थ हर व्यक्ति के लिए अलग होता है. स्कूली शिक्षा में राष्ट्रवाद को शामिल कर राजनीतिक दलों को अपना एजेंडा तय नहीं करना चाहिए.