रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एफसीआई द्वारा चावल खरीदी नहीं करने को लेकर पीयूष गोयल से बात की. बातचीत के बाद उन्होंने जो बयान दिया है उससे ये आशंका सच साबित होती दिख रही है कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार द्वारा किसानों से 2500 रुपये में धान खरीदने से दिक्कत है. भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को बताया कि ये योजना धान पर नहीं है बल्कि प्रति एकड़ खेती पर है. जैसे केंद्र सरकार की किसान सम्मान योजना है. बातचीत के बाद पीयूष गोयल केंद्र के अधिकारी छत्तीसगढ़ भेजेंगे कि आखिर किन-किन कारणों से एफसीआई की खरीदी रुकी हुई है. भूपेश बघेल ने उम्मीद जताई है कि ये गलतफहमी जल्दी ही दूर होगी.  
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद केंद्रीय खाद्यमंत्री पीयूष गोयल ने उनसे बात की. भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र को अड़चन है कि कहीं हम बोनस तो नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीयूष गोयल को राजीव गांधी किसान न्याय योजना को लेकर कुछ शंकाएं हैं. जिसे दूर कर दिया जाएगा.
भूपेश बघेल ने बताया कि उनकी सरकार समर्थन मूल्य पर ही धान की खऱीदी कर रही है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ प्रति एकड़ पर किसानों को दे रहे हैं. इसका लाभ सिर्फ धान बोने वाले किसानों को नहीं मिल रहा है बल्कि मक्का और गन्ना बोने वाले किसानों को भी मिल रहा है.
भूपेश बघेल ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के सामने भी खाद्यमंत्री से बात हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि वे दिल्ली के आंदोलन में व्यस्त हैं.  उसके बाद उन्होंने दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन लगाया, उस वक्त उनसे बात नहीं हुई लेकिन रात को उनसे बात हुई. जब उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने एफसीआई की ओर से चावल खदीदने की अभी तक अनुमति नहीं मिलने की बात रखी तो प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. इसके बाद पीयूष गोयल का फोन आया और उन्होंने बोनस और राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर सवाल पूछने के बाद कहा कि इसके लिए वे अधिकारी भेजेंगे. जिसके बाद सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी. भूपेश बघेल ने बताया कि उन्होंने पीयूष गोयल को बताया है कि जिस तरह केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि दे रही है उसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को दे रही है. भूपेश बघेल ने उम्मीद जताई है कि जो गलतफहमी है, उसे दूर कर लिया जाएगा.
गौरतलब है कि इस बार केंद्र सरकार ने मिलिंग के बाद का चावल एफसीआई में जमा करने का आदेश नहीं जारी किया है. जिससे मिलर्स धान का उठाव करके मिलिंग नहीं कर पा रहे हैं और कई खरीद केंद्रों में धान की खरीदी बंद रही है. इससे पहले केंद्र से साढ़े तीन लाख गठानों की मांग की थी लेकिन अभी तक केवल 1 लाख गठान ही दे पाई है. जिसके चलते धान खरीदी प्रभावित है.  वहीं भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ रही है. प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने धान खरीदी ठीक से ना होने पर प्रदेश भर में हल्ला बोल की चेतावनी दी है.
देखिये वीडियो … 
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