रायपुर. भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत सीएम भूपेश बघेल बस्तर में जनचौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे. सीएम ने शनिवार को कोंडागांव में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के शिविर नियमित संचालित करने के निर्देश दिए.

सीएम ने स्कूलों में बन रहे अस्थायी जाति प्रमाण पत्र की संख्या की जानकारी ली. राजस्व विभाग के अधिकारियों को अस्थायी जाति प्रमाण पत्रों को समय सीमा में स्थायी करवाने के निर्देश दिए. सीएम बघेल ने कहा कि आदिवासी इलाकों में मात्रात्मक त्रुटि से लाभ से वंचित हो रहे लोगों के लिए अंग्रेजी नाम को मानक मान कर जाति प्रमाण पत्र बनाएं. राशन कार्ड बनने के बाद भी छूटे हुए लोगों का नाम जोड़ने और नए कार्ड बनाने के निर्देश दिए.


अपफसरों से सीएम बोले- काम को बोझ न समझें
सीएम बघेल ने कहा लॉकडाउन का एक समय था, उस वक्त पलायन करके वापस लौटे लोगों को चिह्नकित करके काम दें. उन्होंने कहा अब नक्सल समस्या में कमी आई है, लोगों को रोजगार देने से नक्सलवाद खत्म होगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्य को आनंद मानकर कीजिए, काम का बोझ बिल्कुल न लें बस सोच बदलने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कोंडानार गारमेंट फैक्ट्री में निर्मित कपड़ों से लदे ट्रक को रवाना किया.

बस्तर में खेती की तरफ बढ़ा है रुझान
पत्रकार वार्ता में सीएम भूपेश बघेल ने कहा बस्तर में रुझान खेती की तरफ बढ़ा, सिंचाई की मांग बढ़ी है. लोक संस्कृति को बचाने के लिए हम घोटूल और देवगुड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य कर रहे हैं. बस्तर के जन-जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है, भू-जल का उपयोग बढ़ा है. पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वन संसाधन और वनाधिकार पट्टे दिए जा रहे, अब ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है. कोंडागांव में भी गारमेंट के कार्य हो रहे, सभी को रोजगार मिल रहा है.

गोठानों को बनाएंगे रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क
सीएम ने कहा गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में बदला जाएगा, जहां गोबर खरीदी के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी भी किया जाएगा, जिससे लोगों के पास पैसा जाएगा. गोबर से पेंट उत्पादन, बिजली, गोठान में तेल पेराई मशीन स्थापित कर कई रोजगार मूलक कार्य हो रहे हैं.

बस्तर में बैंकों की मांग
सीएम बघेल ने आगे कहा बस्तर में अब बैंकों की मांग हो रही है, जबकि यहां कभी बैंक की मांग नहीं होती थी, यह अच्छा संकेत है. बस्तर बदल रहा, विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. हमारे कार्यों से लोगों का विश्वास बढ़ा है, नक्सल पीछे हटे हैं.