रायपुर. भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को जगदलपुर विधानसभा के ग्राम मंगलपुर पहुंचे. यहां उन्होंने दोरनापाल, कूकनार, तोंगपाल (जिला सुकमा ) में आत्मानंद स्कूल खोलने की घोषणा की.
कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने कनकापाल से लेदा और झीरम से एलमनार तक सड़क बनाने. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुटुमसर पर्यटन समिति को 15 जिप्सी गाड़ी फाइनेंस में देने, मावलीपदर, नेतानार, पंडरिपानी, माड़पाल में आदर्श देवगुड़ी की स्थापना करने, आदिवासी क्षेत्रो में आत्मानंद स्कूलों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था करने एवं पहली बार नेशनल पार्क एरिया में वन संसाधन अधिकार मान्यतापत्र देने की घोषणा की.
मंगलपुर में मुख्यमंत्री से बाड़ी में फल-सब्जी का उत्पादन कर रही समूह की महिलाओं और किसानों ने संवाद किया और बताया कि बाड़ी प्रोत्साहन की योजनाओं से उनके आय में विशेष वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रहे हैं. समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी खरीद रहे हैं. इस पर मूल्य संवर्धन कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया – चिरौंजी चार सबसे कीमती वनोपज
कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने ग्रामीण नीलू बघेल के घर भोजन भी किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बालिका काम्या को ट्राइसाइकिल दी. मुख्यमंत्री ने वनोपज संग्राहकों से विशेष रूप से चर्चा की. उन्होंने पूछा कि सबसे महंगा लघु वनोपज कौन सा है इस पर ग्रामीणों ने बताया कि लाख सबसे कीमती वनोपज है. इसकी कीमत 325 रुपए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे कीमती वनोपज चिरौंजी चार है. नेट लगाकर इसका संग्रहण किया जाए तो ज्यादा रेट मिलेगा.
अब करोड़पति बनेंगे लखपति
कोल्हापुर के ग्रामीणों ने बताया कि यहां 15 साल बाद बिजली का सर्वे हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सीधे बिजली लाइन लगाना संभव न हो तो सोलर से बिजली की आपूर्ति करें. ग्रामीणों को बिजली को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. लखपति नाग ने बताया कि वे अपने खेत में सेमी उगा रहे हैं. वे मल्चिंग पद्धति से खेती कर रहे हैं और इससे अच्छा लाभ मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपको करोड़पति बनाएंगे. आपको ग्रीन नेट दिया जाएगा ताकि आपकी आय तेजी से बढ़ सके.
तीरथगढ़ में बनेगा इको काटेज
तीरथगढ़ की खूबसूरती को निहारने बना नेचर ट्रेल-कांगेर वैली के खूबसूरत तीरथगढ़ जलप्रपात की सुंदरता को बेहतरीन व्यू से निहारते रहने नेचर ट्रेल बनाया गया है. 2 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से इसे बनाया गया है. एक करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से इको काटेज एवं प्रेजेंटेशन सेंटर बनाया जाएगा, इसके लिए मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन किया.
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