नितिन नामदेव, रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बस्तर सम्मेलन को लेकर दिए बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके समय में कोई सैलानी बस्तर नहीं जाता था. लोग डरे हुए थे, फर्जी एनकाउंटर किया. ये पहचान वो बनाकर रखे थे, हमने आदिवासियों को उनकी जमीन लौटवाई, लोगों को रोजगार से लगाया. उनको शिक्षा और स्वास्थ्य से जोड़ा.

बिलासपुर में बंगाली समाज के आयोजन में शामिल होने से जाने से पहले मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके समय न जॉब कार्ड था, ना आधार कार्ड था. रमन सिंह के समय जवानों को राशन पहुंचाने मशक्कत करनी पड़ती थी. आज गरीब लोगों के घर में राशन पहुंच रहा है.

धर्म परिवर्तन करने वालों की डी लिस्टिंग को लेकर निकाली जा रही रैली पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनको दिल्ली में ये प्रदर्शन करना चाहिए. यहां क्यों राजनीति कर रहे हैं. इस बात को लोकसभा में पूछते.

उन्होंने कहा कि बस्तर की पुरानी पहचान थी. प्राकृतिक सौंदर्य की पहचान, आदिवासी संस्कृति की पहचान विलुप्त हो गया था. हमने पुराने दौर को वापस दिलाने का काम किया. बस्तर सम्मेलन को तमाशा कहे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह कभी सम्मेलन नहीं करा सकते, इसलिए उनको तमाशा लग रहा है. लोगों को जबरदस्ती ढोकर लाते थे, उनको कोई पूछ नहीं रहा है.

बीजेपी नेताओं को नोटिस जारी करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है, जो समाज की सौहाद्रता खराब करने की कोशिश करेंगे उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक के बयान पर कहा कि देश की जवानों की शहादत से जुड़ा मामला है. केंद्र सरकार और बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए.

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