रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘परिचर्चा एवं पुरस्कार वितरण‘ कार्यक्रम में जैव विविधता, पालतू पशुओं के संरक्षण, जैव सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं, व्यक्तियों एवं जैव प्रबंधन समितियों के लिए पुरस्कार घोषित किए. कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े वनमंडलाधिकारियों द्वारा सम्बन्धितों को पुरस्कृत किया.
इसी कड़ी में मुंगेली के पथरिया वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पुछेली में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पुछेली और बगबुरूवा गांव के अलावा आसपास के गांवों से गणमान्य नागरिक शामिल हुए. पुछेली गांव में आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्राम के नागरिकों की वन्यजीवों की सुरक्षा में भागीदारी सुनिश्चित करना था, क्योंकि पुछेली, बगबुरूवा सहित आसपास के गांव हिरण(स्पॉटेड डियर) के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है.
इसी वजह से यहां हिरणों पर, आवारा कुत्तों का खतरा बना रहता है. यहां कुत्तों द्वारा हिरणों के समूह पर अटैक का प्रयास भी किया गया है. वन विभाग की सतर्कता और ग्रामीणों की सहयोग से इस पर अब तक नियंत्रण बना हुआ. हिरणों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू भी किया गया है.
वनविभाग द्वारा वनमण्डलाधिकारी के निर्देशानुसार लगातार इन क्षेत्रों का सुरक्षा निगरानी किया जा रहा है. साथ ही समय समय पर विभिन्न आयोजनों और ग्रामीणों के साथ बैठक और मुनादी आदि द्वारा हिरणों एवं अन्य वन्यजीवों सुरक्षा और संरक्षण हेतु प्रयास किया जा रहा है.
इसी संवेंदलशीलता के मद्देनजर आज इस मौके पर वनमंडल अधिकारी गणेश यू आर द्वारा”हिरण बचाव दल” का गठन किया गया. “हिरण बचाव दल” में वनविभाग, राजस्व विभाग सहित संबंधित गांवो के नागरिक सदस्य होंगे. यह दल “सामुदायिक वानिकी” के स्वरूप को साकार करते हुए वन्यजीव के संरक्षण एवम प्रबंधन में ग्रामीणों की प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित करेगा.
इस मौके पर जिला पंचायत सभापति वसीउल्लाह खान के हाथो, वनमण्डल मुंगेली द्वारा दल के सदस्यों को हिरणों के सुरक्षा और संरक्षण की संकल्पना को पूरा करने की निष्ठा के साथ, विशेष रूप से तैयार किए गए. टी-शर्ट प्रदाय किया गया. साथ ही इस दौरान स्कूली बच्चों में जागरूकता हेतु, जैवविविधता के संरक्षण के थीम पर पेंटिंग कंपीटिसन का आयोजन भी किया गया और बच्चो को पुरुस्कृत किया गया.
बता दें कि पुछेली और बगबुरूवा गांव और आसपास का क्षेत्र में बड़ी संख्या में हिरण आते है, जिसे आवारा कुत्तों का खतरा बना रहता है, जिसके संरक्षण के लिए जिला पंचायत सभापति वसीउल्लाह खान सहित वरिष्ठ ग्रामजन लगातार उनके संरक्षण के लिए प्रयासरत है.
यह क्षेत्र राजस्व भूमि का हिस्सा है , जिसके कारण भुअर्जन सहित विभिन्न पहलुओं के मद्देनजर इस हेतु वनविभाग द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को मार्गदशन के लिए लेख किया जा रहा है. कार्यक्रम में उपस्थित डीएफओ मुंगेली गणेश यू आर द्वारा बताया गया कि हिरणों की संख्या और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां प्रत्येक संबंधित गांवों में “हिरण विचरण क्षेत्र पटल” और “हॉट लाइन” की स्थापना किया जाएगा, जो हिरणों के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम होगा. इससे हिरणों को ट्रेक करने एवम् उनकी भौगोलिक स्थिति जान पाना आसान होगा, जिससे उनका खतरे की स्थिति में रेस्क्यू आसनी से किया जा सकेगा.
जैवविविधता दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में वनमंडल अधिकारी मुंगेली गणेश यू आर, उपवनमंडल अधिकारी मुंगेली एम आर साहू , वनपरिक्षेत्र अधिकारी मुंगेली लॉसकर , तहसीलदार पथरिया, पुछेली और बगबुरूवा के सरपंच सहित बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण और स्कूली बच्चे उपस्थित रहे.