पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता (LOP) प्रताप सिंह बाजवा द्वारा संत सीचेवाल मॉडल पर बयान देने के बाद सियासी माहौल गरमा गया। बुधवार को दिए गए इस बयान के खिलाफ आज सदन में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस और बाजवा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि LOP साहिब सदन में मौजूद नहीं हैं, उनकी टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं। मान ने कहा कि संत सीचेवाल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा योगदान दिया है, इसी कारण AAP सरकार ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया।


“हर दिन CM बनने का सपना देखते हैं LOP” – भगवंत मान


भगवंत मान ने कहा कि बाजवा हर सुबह शीशे के सामने खड़े होकर पगड़ी बांधते हैं और सोचते हैं – “मैं कब मुख्यमंत्री बनूंगा?” कभी दिवाली पर सरकार गिराने की बात करते हैं, कभी होली पर।


“संत सीचेवाल अगर ठेकेदार थे, तो कांग्रेस ने पद क्यों दिया?”


मान ने सवाल किया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी संत सीचेवाल के काम की तारीफ की थी। अगर बाजवा को लगता है कि वह केवल एक ठेकेदार हैं, तो कांग्रेस सरकार ने उन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सदस्य क्यों बनाया?


“कांग्रेस नेताओं को खुद अपने इतिहास की जानकारी नहीं”


मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि जब भूपेश बघेल को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया, तब बैठक में प्रगत सिंह को लेकर अजीब स्थिति पैदा हो गई।


जब उनसे पूछा गया कि क्या वह हॉकी ओलंपिक टीम का हिस्सा रहे हैं, तो किसी को यह तक नहीं पता था कि प्रगत सिंह दो बार ओलंपिक टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। कांग्रेस के एक नेता ने टिप्पणी कर दी कि उन्होंने “दोनों ओलंपिक हारे हैं”, जिस पर प्रगत सिंह ने जवाब दिया – “मैं टीम का कप्तान रहा हूं, तस्कर नहीं।”