नई दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी बनाने और वैकल्पिक फसलों के लिए फुलप्रूफ विपणन प्रणाली सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए खाद्य उत्पादकों के मामले का समर्थन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक (NITI Aayog Governing Council meeting) को संबोधित करेत हुए सीएम ने कहा कि जिस समय देश भोजन के लिए भूखा था, उस समय राज्य के मेहनती किसानों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया था.

हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि कृषि अब एक लाभदायक उद्यम नहीं है. इसलिए किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. किसानों को इस स्थिति से उबारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए, जिसके लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए. सीएम मान ने फसलों पर MSP को कानूनी गारंटी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है ताकि किसानों के हितों की रक्षा की जा सके.

MSP पर गठित समिति किसान हों सदस्य- मान

इसी तरह मान ने कहा कि MSP लाभकारी होना चाहिए क्योंकि कृषि की लागत कई गुना बढ़ गई है और किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. केंद्र द्वारा MSP पर गठित समिति को अस्वीकार्य करते हुए उन्होंने किसानों को सदस्यों के रूप में शामिल करते हुए इसे पुनर्गठित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि समिति में उन आर्मचेयर अर्थशास्त्रियों का वर्चस्व है, जिन्हें कृषि के बारे में कोई जानकारी नहीं है और सभी हितधारकों के साथ कृषि विशेषज्ञों को इस समिति का सदस्य बनाया जाना चाहिए.

फसलों के विविधीकरण की आवश्यकतामान

भगवंत मान ने देश में दालों के अत्यधिक दामों में आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसे रोकने की जरूरत है और पंजाब इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान दलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार हैं. केंद्र सरकार को दलहन के लिए MSP और उसके लिए सुनिश्चित विपणन प्रणाली की घोषणा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ किसानों को गेहूं-धान के चक्र से बाहर निकालने के लिए और दूसरी तरफ गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए फसलों के विविधीकरण की तत्काल आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को इस बात से भी अवगत कराया कि राज्य सरकार राज्य में शिक्षा ढांचे में सुधार के लिए प्रयास कर रही है.

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