चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद अब पंजाब में अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चलेगा. ये ऐलान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया है. उन्होंने कहा कि कब्जा हटाने की कार्रवाई में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा, चाहे वो रसूखदार हो या आम आदमी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जमीनों पर कब्जे कर रखे हैं, उन पर बुलडोजर चलाकर उसे हटा दिया जाएगा. सीएम भगवंत मान ने कहा कि विपक्ष में बैठे कुछ लोग सरकारी बंगले खाली करने को तैयार नहीं हैं, यहां तक की उन्होंने कारों के लिए भी मुश्किल से पास लिया है. संगरूर में अपने पैतृक गांव सतौज में किसानों से रू-ब-रू होते हुए भगवंत मान ने कहा कि मेरे पास जब फाइलें आती हैं, तो लगता है कि पंजाब के लोगों के खून से सनी हुई हैं, क्योंकि पंजाब को बहुत लूटा गया है. कुछ तो कोठियां नहीं छोड़ रहे, सरकारी गाड़ियों को वापस नहीं कर रहे.
भष्टाचार पर पंजाब सरकार का जीरो टॉलरेंस
भगवंत मान ने कहा कि पहले सब के सब मिले हुए थे, लेकिन अब आप सरकार किसी को भी नहीं बख्शेगी. भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा. पंजाब सरकार ने कोठियां खाली करवाई हैं, कारें वापस मंगवाई हैं, एक विधायक एक पेंशन लागू किया गया है. भगवंत मान ने यह भी कहा कि अभी तो देखते रहो, क्योंकि सबके कागज निकल रहे हैं. बुलडोजर कहां-कहां चलेगा, देखते जाओ. सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी भूमि पर नाजायज कब्जों को लेकर भी सभी के कागज तैयार करवा रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब में अब अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलेगा और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने हाल ही में पंचायतों पर अवैध कब्जों को हटाने का अभियान चला रखा है.
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पंजाब की पंचायतों में करीब 5 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे
पंजाब की पंचायतों में लोगों ने करीब 5 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे कर रखे हैं. सरकार ने प्रशासन को अवैध कब्जों को कानूनी प्रक्रिया के तहत हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस मुहिम के पहले पड़ाव के अंतर्गत 31 मई 2022 तक 5 हजार एकड़ पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने कुछ दिन पूर्व शिवालिक पहाड़ियों से सटे न्यू चण्डीगढ़ के बिल्कुल नजदीक ब्लॉक माजरी के गांव अभीपुर की करोड़ों रुपए की बेहद कीमती 29 एकड़ पंचायती जमीन का कब्जा छुड़वाकर पंचायत के हवाले कर दिया है. पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों और जिला विकास और पंचायत अधिकारी के साथ हाल ही में एक उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि सिविल और पुलिस प्रशासन की मदद से पंचायती जमीन से नाजायज कब्जे हटाए जाएं.
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चंडीगढ़ में भी हटाई गई झुग्गी-झोपड़ियां
इससे पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने 1 मई को अवैध निर्माण और अतिक्रमित क्षेत्रों के खिलाफ विध्वंस अभियान चलाया. विध्वंस अभियान के दौरान किसी भी तरह की अराजकता से बचने के लिए इलाके में धारा 144 भी लगा दी गई थी. विशेष विध्वंस अभियान कॉलोनी नंबर 4 में किया गया था, जहां स्थानीय प्रशासन ने उस झुग्गी क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया, जहां 3000 से अधिक लोग रहते थे.
निवासियों को सामान ले जाने के लिए वाहनों की भी दी गई थी सुविधा
चंडीगढ़ स्थानीय प्रशासन के अनुसार, 65 एकड़ जो कि वन विभाग और संपदा कार्यालय से संबंधित है, उसे फिर से प्राप्त किया गया था. इसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. पूरा ऑपरेशन शांतिपूर्ण ढंग से और बिना किसी निवासियों के किया गया. उपायुक्त द्वारा कॉलोनी के निवासियों को अपना सामान स्थानांतरित करने और परिवहन में मदद करने के लिए विशेष टीमों को भी प्रतिनियुक्त किया गया था. सुगम बेदखली के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैरिज सेवा भी प्रदान की गई थी.
अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग योजना के तहत बांटे गए फ्लैट्स
29 अप्रैल को मालोया आवास परिसर में अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग योजना के तहत फ्लैटों के अंतिम आवंटन के लिए एसडीएम पूर्व के कार्यालय परिसर में शिविर का आयोजन किया गया था. इसके बाद मलोया हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को 290 फ्लैटों के आवंटन के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ निकाला गया. कैंप में ही नगर निगम और बिजली विभाग बिजली कनेक्शन और पानी के कनेक्शन मुहैया करा रहे हैं. चंडीगढ़ को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने के लिए सबसे पुरानी झुग्गी-झोपड़ियों को गिराने का निर्णय लिया गया था, जिसमें 11 वर्षों में कई बार तोड़फोड़ की गई थी.
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