चंडीगढ़. राज्य में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित बनाने की प्रतिबद्धता के अंतर्गत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को पंजाब का पहला इंस्टीच्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज, लोगों को समर्पित करेंगे।
एस.ए.एस. नगर के फेज बी- 1 में स्थापित यह संस्था हैपेटोलॉजी के क्षेत्र में सुपर-स्पैशलिटी केयर, प्रशिक्षण और अनुसंधान संबंधी अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस है। इस इंस्टीच्यूट की स्थापना 40 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से की गई है और इसमें 80 डाक्टर, 150 स्टाफ नर्से और 200 ग्रुप-डी कर्मचारियों समेत 450 के करीब स्टाफ होगा। प्रो. वरिंदर सिंह, जोकि हैपेटोलॉजी पीजीआई, चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफैसर और प्रमुख हैं, को संस्था का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने इस प्रतिष्ठित संस्था के कार्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा दिए सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि नई दिल्ली के बाद पंजाब देश का ऐसा दूसरा राज्य होगा जहां लीवर और बिलियरी रोग के मरीजों के लिए विशेष तौर पर इंस्टीच्यूट होगा।
बताने योग्य है कि इस इंस्टीच्यूट की स्थापना दिल्ली स्थित इंस्टीच्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज (आई.एल.बी.एस.) की तरह किया गया है। डा. बलबीर सिंह ने बताया कि यह राज्य का पहला सरकारी अस्पताल होगा जहां यू.जी.आई. एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाऊंड और ई.आर.सी.पी. जैसी बीमारियों का इलाज किया जाएगा।
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