जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट ने राज्य को देश में निवेश का प्रमुख केंद्र बनाया है. इस समिट में हुए एमओयू के धरातल पर लागू होने से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निवेशकों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और एमओयू के कार्यान्वयन में आने वाली बाधाओं को तुरंत दूर करें. राइजिंग राजस्थान के तहत हुए एमओयू के कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए सीएम शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को अनुकूल माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और एमओयू लागू करने के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए. साथ ही, भू-आवंटन से जुड़े लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने और भूमि आवंटन में रियायतों को सरल करने की हिदायत दी.
1,000 करोड़ से अधिक के एमओयू की श्रेणीवार समीक्षा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले एमओयू की श्रेणीवार समीक्षा की जाएगी. सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पंप स्टोरेज, और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में हुए महत्वपूर्ण एमओयू की मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित होंगी. उन्होंने अधिकारियों को नीतिगत बदलाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि निवेशकों को कार्यान्वयन में किसी तरह की परेशानी न हो.
निवेशकों के साथ निरंतर संवाद का निर्देश
सीएम शर्मा ने जोर देकर कहा कि निवेशकों के साथ लगातार संवाद बनाए रखा जाए और कार्यान्वयन में आने वाली किसी भी बाधा को त्वरित रूप से हल किया जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है. सभी विभागों को समन्वित रूप से कार्य करने और एमओयू को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए कहा गया है.
राइजिंग राजस्थान का महत्व
राइजिंग राजस्थान समिट ने राज्य को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया है. सीएम शर्मा ने कहा कि इन एमओयू के लागू होने से राजस्थान की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. सरकार का लक्ष्य इन निवेशों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारना है, ताकि राज्य का विकास और समृद्धि सुनिश्चित हो.