रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रधानमंत्री को फिर से चिट्ठी लिखे जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि केंद्र की नीति के बारे में खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने स्पष्ट कर दिया है. मुख्यमंत्री यदि पत्र लिख रहे हैं, तो अच्छी बात है लिखना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार नीतिगत निर्णय का क्रियान्वयन कर रही है.

दरअसल छत्तीसगढ़ में 2500 रूपए प्रति क्विंटल दर पर धान खरीदने और 32 लाख मेट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को फिर से पत्र लिखा है. राज्य सरकार को अपने संसाधनों से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी उपार्जन के एमओयू की शर्तों को शिथिल करने का भी आग्रह किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर के इस अत्यावश्यक आर्थिक विषय पर चर्चा के लिए शीघ्र समय प्रदान करने का भी अनुरोध किया है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि यदि भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं की जाती है, तो राज्य को वर्ष 2017 और वर्ष 2018 की भांति ही उपार्जन के एमओयू की शर्तों में शिथिलता प्रदान की जाए, ताकि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का समूचित मूल्य दिलाया जा सके. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष वृहद मात्रा में राज्य की आवश्यकताओं और केन्द्रीय पूल के लिए धान का उपार्जन किया जाता है. धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर रूपए 2500 प्रति क्विंटल किए जाने तथा इस वर्ष केन्द्रीय पूल में 32 लाख मेट्रिक टन चावल छत्तीसगढ़ से प्रदाय किए जाने के लिए पूर्व में मेरे द्वारा आपको इस साल 5 जुलाई, 25 अक्टूबर और 30 अक्टूबर 2019 को पत्र लिखे गए हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक दिसबंर से 15 फरवरी तक 2500 रूपए में धान खरीदी की जाएगी. अभी खेत-खलिहान गीला होने की वजह से खरीदी में समय लग रहा है.