रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही प्रवास के दौरान एक बैगा आदिवासी स्कूली छात्रा सरस्वती के आग्रह पर जिले में आश्रम-छात्रावासों प्रारंभ करने की घोषणा की है. सरस्वती का गांव उसके छात्रावास से लगभग 20 किलोमीटर दूर है. ग्राम तवाडबरा के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के निरीक्षण के दौरान बैगा आदिवासी स्कूली छात्रा सरस्वती बैगा ने मुख्यमंत्री बघेल से कहा कि स्कूल खुल गए हैं, लेकिन आश्रम-छात्रावास नहीं खुलने से वे अपने स्कूल नहीं जा पा रही हैं. सरस्वती ने गौरेला के ज्योतिपुर स्थित छात्रावास प्रारंभ कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया.

सरस्वती ने बताया कि वो टीकरकला स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा है. उनके गांव से ज्योतिपुर छात्रावास की दूरी 20 किलोमीटर है. इस वजह से वह स्कूल प्रारंभ होने के बावजूद अपने स्कूल नहीं जा पा रही है. मुख्यमंत्री ने सरस्वती की समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ महसूस करते हुए गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में आश्रम-छात्रावास प्रारंभ करने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से सुदूर अंचलों के गांवों के छात्र-छात्राओं के लिए अपने स्कूलों में पढ़ाई करने का अवसर मिल सकेगा. लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर सुदूर अंचलों के गांवों के छात्र अपने नजदीकी आश्रम-छात्रावास में रहकर स्कूलों में पढ़ाई करते हैं. मुख्यमंत्री की घोषणा से बच्चों की इस समस्या का समाधान संभव हो सकेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज ग्राम पंचायत ठाड़पथरा के तवाडबरा ग्राम के राजमेरगढ़ पारा के पंच रमेश बैगा के घर पहुंचे. उनके साथ जलपान किया. उन्होंने वहां ग्रामीणों से बातचीत की और उन्होंने घर के शगुन के तौर पर 2000 रूपये गृह लक्ष्मी को दिए. मुख्यमंत्री ने वहां के रहन-सहन पर चर्चा की और छात्रा सरस्वती को अश्वासन दिया कि उनका छात्रावास जल्द शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने उनके साथ अपने मोबाइल में सेल्फी भी ली. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गांव के बैंड बाजा दल को 1000 रूपए और रोका-छेका दल को 1000 रूपए ईनाम स्वरूप भेंट किए.

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