रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के अमूल्य योगदान की सराहना की है. उन्होंने कहा कि इन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने होम विजिट कर प्रदेश के करीब 25 लाख ग्रामीण परिवारों से सतत रूप से संपर्क किया. उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के योगदान के देखते हुए इन्हें फ्रंट लाइन वर्कर माना है. इनको और इनके परिवार को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी.
भूपेश बघेल ने कहा कि चाहे शांति काल हो या आपदा काल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं हमेशा सरकार की ताकत बनकर सक्रिय रही हैं. बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कार से जुडे़ अपने दायित्वों का निर्वहन उन्होंने बखूबी किया है. गांवों में उनकी उपस्थिति एक सेतु की तरह है. जिसके माध्यम से शासन और ग्रामीणजन एक दूसरे तक पहुंचते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना की विकट परिस्थितियों में गांवों में संक्रमण की रोकथाम करने, बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने, उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करने, संक्रमितों और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करने में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का बड़ा योगदान है. राज्य में लगभग 42 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 18 हजार सहायिकाएं कोविड-19 में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं.
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इस दौरान उन्होंने लगभग 4 लाख 50 हजार सर्दी खांसी बुखार के मरीजों का चिन्हांकन किया. इन कार्यकर्ताओं ने निरंतर होम विजिट करते हुए राज्य के करीब 25 लाख ग्रामीण परिवारों को टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के संबंध में जागरूक किया. उन्होंने प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 25 लाख हितग्राहियों को टीका लगवाने की में सहयोग किया है.
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