रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में पशुधन के पैरा चारे की व्यवस्था के लिए गौठान समितियों को 40-40 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की है. राज्य के 6200 गौठानों के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा 40 हजार रूपए के मान से कुल 24 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि जारी कर दी गई है. इस राशि से गौठान समितियां राज्य के किसान भाईयों द्वारा दान किए गए धान के पैरा के संग्रहण, मजदूरी और परिवहन पर व्यय कर सकेंगी.
गोधन न्याय योजना अंतर्गत प्रदेश में निर्मित गौठानों में पशुओं की चारे की व्यवस्था के लिए किसानों द्वारा दान में दिए गए पैरा के संग्रहण के लिए मजदूरी और परिवहन व्यय के लिए राज्य शासन द्वारा 24 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि आबंटित की गई है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में 6 हजार 200 गौठान सक्रिय रूप से संचालित है. शासन द्वारा प्रति गौठान के लिए 40 हजार रूपए के मान से राशि जारी की है. यह राशि प्रबंधन समिति को प्रदान की जाएगी.
गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने राज्य के किसान भाईयों से गौठानों में गौ माता के चारे की व्यवस्था के लिए पैरा-दान करने आग्रह किया था, ताकि गौठानों में पशुधन के लिए सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके. मुख्यमंत्री ने किसान भाईयों से बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को पैरा-दान करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने गोधन के चारे के लिए सर्वाधिक पैरा-दान करने वाले कृषक और सर्वाधिक पैरा एकत्र करने वाली गौठान प्रबंध समिति को विकासखंड स्तर पर पुरस्कृत और सम्मानित किए जाने के निर्देश भी दिए हैं.
किसान भाईयों के खेतों में धान फसल की कटाई के बाद खेतों में फैले हुए पैरा एकत्र कराने और गौठानों तक उसका परिवहन कराने के लिए गौठान समितियों को 40-40 हजार रूपए की राशि दी गई है, ताकि पशुधन के लिए साल भर के लिए सूखे चारे की व्यवस्था गौठानों में हो सके.
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