रायपुर। निकाय चुनाव में एनआरसी के असर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि एनआरसी को जनता ने नकार दिया है. यदि आपके पिता का फार्म रिजेक्ट हो जाए तो किस देश के नागरिक कहलाएंगे. यदि क्लर्क ही गलती कर दे, फार्म रिजेक्ट हो जाए, तो आपको कहा रखा जाएगा. हमारे छत्तीसगढ़ में कितने लोग है, जिनके पास जाति प्रमाण पत्र है. जाति प्रमाण पत्र ही लोगों के नहीं बने हैं. जाति प्रमाण पत्र तो हम बनवा नहीं पा रहे हैं. हमारे पास राशन कार्ड है, ड्राइविंग लाइसेंस है, वोटर आईडी है, आधार कार्ड है, पासपोर्ट है. इसके बाद और कौन से सर्टिफिकेट चाहिए. यदि लोग नहीं ला पाए, तो उन्हें किस देश का नागरिक कहा जाएगा.
ये लोग हिन्दू मुस्लिम करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन देश में लोग सड़कों पर है. हमारे प्रदेश में तो नहीं है. कितने मुसलमान है. प्रतिशत बहुत कम है. हमारे सात सौ गांव नक्सल क्षेत्र में खाली हो गए हैं. दूसरे प्रदेश में रह रहे हैं. तेलंगाना, आंधप्रदेश में रह रहे हैं, वे लोग कैसे अपनी नागरिकता प्रमाणित करेंगे. रघुवर दास कैसे प्रमाणित करेंगे. छत्तीसगढ़ में उनका घर भी नहीं है, टूट गया है. चाहे पंजाब, हरियाणा, ओडिशा से लोग आए हैं, वे लोग कैसे अपनी नागरिकता प्रमाणित करेंगे.
केंद्र सरकार की नियत ठीक नहीं थी. प्रधानमंत्री कहते हैं एनआरसी आया ही नहीं, गृहमंत्री कहते हैं अभी सीएए आया है, एनआरसी आएगा. मैं सवाल करता हूं कि केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ वोटों का ध्रुवीकरण करती है. आखिर हिन्दुओं के लिए इन्होंने किया क्या है.