रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अंदर राजनीति के उच्च पद में पहुँचने के बाद भी गाँव, गाँव के संस्कार, बचपन में मिली शिक्षा, धर्म-कर्म सब अभी उसी तरह से विद्ममान नज़र आते हैं, जैसे शायद पहले रहे होंगे. वैसे इस बात को कई मौके पर वे साबित करते रहे हैं. एक बार फिर कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब वे उस प्राचीन हनुमान मंदिर में दर्शन को पहुँचे, जहाँ वे हर साल जाते हैं.
इस बात को मुख्यमंत्री कुछ इस तरह कहते हैं- ” मैं हर साल पतोरा आता हूं और हनुमान जी के दर्शन करता हूं. ‘राम काज कीजे बिना मोहि कहां विश्राम’. हनुमान जी से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें अपना कार्य निरंतर करना चाहिए. बिना थके लगातार सेवा भाव से कार्य करना चाहिए. यहां बड़ी संख्या में गांव के युवा और बच्चे बैठे हैं. जीवन में ज्ञान, शक्ति और सेवाभाव के सुंदर संतुलन से हम मनोवांछित चीज प्राप्त कर सकते हैं. इस साल भी मैं आप लोगों के बीच आ सका, इस बात की मुझे गहरी खुशी है. इस प्रकार के आयोजन से गहरी खुशी होती है. हमारे संस्कार दृढ़ होते हैं और अच्छा कार्य करने के लिए हम और अधिक संकल्पित होते हैं.”
दरअसल मुख्यमंत्री आज अपने इलाके पतौरा गाँव पहुँचे थे. इस गाँव से मुख्यमंत्री का बड़ा आध्यत्मिक जुड़ाव है. वे हर साल यहाँ आयोजित होने वाले सार्वजनिक हनुमान उत्सव में शामिल होथे हैं. उन्होंने इस मौके पर किसानों से कहा कि हमारी सरकार की योजनाओं की वजह से कृषकों को खेती पर भरोसा लौटा है. 2500 रूपए में धान खरीदी एवं कर्जमाफी के निर्णय से किसानों को आर्थिक संबल मिला. इस साल प्रदेश के किसानों की समृद्धि का साल रहा है. सरकार ने न केवल कृषकों को फसल का उचित दाम दिलाने को लेकर पहल की है, अपितु ग्रामीण विकास की एक ऐसी योजना पर कार्य कर रही है जिससे आत्मनिर्भर गांव का रास्ता तैयार होगा. इसके लिए संसाधन ग्रामीण क्षेत्र से ही आएंगे. पशुधन के उचित दोहन से बेहतर आय की संभावनाएं बनेंगी. गौठान में उत्पादित कम्पोस्ट खाद आदि के माध्यम से जैविक खेती का रास्ता भी तैयार होगा और कम्पोस्ट खाद का अच्छा मूल्य भी हासिल होगा.