रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को दिल्ली बुलाए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ होने वाली इस बैठक को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है और सवाल यही उठ रहा है कि बैठक का नतीजा क्या होगा. दिलचस्प पहलू यह है कि बीते एक पखवाड़े से सिंहदेव आलाकमान का वक्त मांग रहे थे, लेकिन जब वक्त मिला, तो उनके साथ-साथ बघेल को भी बैठक में बुलाया गया है. संकेत कहते हैं कि कथित रूप से ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर राज्य में छिड़ी तकरार का खात्मा करना ही आलाकमान का एजेंडा है.
राहुल गांधी के कार्यालय से जब बैठक की सूचना दोनों ही नेताओं को भेजी गई, तब भूपेश रायपुर में और टी एस सिंहदेव भोपाल में थे. इस सूचना का इंतजार दोनों नेताओं को था. सूबे की राजनीति के लिए भी यह बैठक इस मायने में जरूरी मानी जा रही है कि, जो नूराकुश्ती कांग्रेस के भीतर चल रही है, समय रहते उसका पटाक्षेप कर दिया जाए.
बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की मौजूदगी भी होगी. जाहिर है मुलाकात सिर्फ व्यक्तिगत मुद्दों तक सीमित नहीं है. संगठन नेताओं को बुलाने का आशय साफ है कि बैठक में की जाने वाली रायशुमारी का अंजाम सुलह पर जाकर ठहरे.
मुझे केवल राहुल गांधी के साथ बैठक की सूचना- भूपेश बघेल
दिल्ली रवानगी के पहले एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बहुत दिनों बाद दिल्ली जाना हो रहा है. इससे पहले जरूर हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जाना हुआ था. सोनिया गांधी जी के प्रतिनिधि के रूप में अंत्येष्टि में गया था. दिल्ली की बैठक को लेकर बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के साथ बैठक है. सिंहदेव की मौजूदगी पर उन्होंने केवल इतनी टिप्पणी की कि, उन्हें केवल राहुल गांधी के साथ बैठक की सूचना है.
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