हेमंत शर्मा, रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के ट्वीट पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भड़क गए. उन्होंने गुस्से में पत्रकारों से पूछा कि हैं कौन वो?, क्या हैं वो. क्या वो विधायक दल के नेता हैं? प्रदेश अध्यक्ष हैं? विधानसभा में पार्टी के सचेतक हैं? कौन हैं वो? उनकी पार्टी वाले ही उन्हें नहीं पूछ रहे.

भाजपा में बिखराव पर बोले मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा में अनुशासन की बात करते थे. उनकी पार्टी में ही बिखराव की स्थिति है. पार्टी में जान से मारने की धमकी दी जाती है. भाजपा का चाल चरित्र चेहरा उजागर हो गया है. बीजेपी की बैठक में को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक दल है. अपने कार्यक्रम करेंगे करना चाहिए. उनसे यही निवेदन करना चाहूंगा. भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे और किसानों के साथ खड़े हों.

उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तब वह राज्यों को बोनस देने के लिए रोके नहीं बल्कि यूपीए सरकार ने खुद बोनस दिया है, जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार ने न खुद बोनस दे रही हैं और जो राज्य बोनस देना चाहता उसमें रोक लगा रहे हैं. रमन सिंह की सरकार थी उसी समय यह प्रतिबंध लगा. वह पत्र भी दबा दिए थे और धान खरीदना भी कम कर दिए थे.

सीएम बघेल ने कहा कि हमारी सरकार के समय भी पिछले समय अनुमति दी थी. हमारी सरकार 2500 रुपये क्विंटल धान में खरीदना चाहती है, किसानों के साथ न्याय करना चाहती हैं. लाखों किसान हस्ताक्षर कर रहे हैं 13 तारीख को लेकर प्रधानमंत्री के पास जाएंगे. रमन सिंह ने कभी अनुरोध प्रधानमंत्री और भारत सरकार से नहीं किया, लेकिन हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है. छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ न्याय होना चाहिए.

बीएसएनएल से कर्मचारियों को निकाले जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने केंद्र पर साधा निशाना. उन्होंने कहा कि पूरे देश में यही स्थिति है. यही बात नौजवानों की समझने की आवश्यकता है. राष्ट्रवाद से देश नहीं चलने वाला. जो रोजगार दे सके महंगाई कम कर सके मंदी के दौर से उबर सके. सरकार ऐसी होनी चाहिए.