रायपुर। दिल्ली में पराली जलाने से फैल रहे प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मनरेगा से खेती को जोड़ने की मांग केंद्र सरकार से की है. उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण भी नहीं फैलेगा और खेत की पोषकता भी बढ़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वो किसान के बेटे होते तो उन्हें ये बात समझ में आ जाती.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर बुधवार को जनचौपाल भेंट मुलाकात का आयोजन किया गया. इसमें उन्होंने लोगों की समस्याओं का समाधान भी किया. इस दौरान मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि पराली जलाने के कारण हर साल प्रदूषण हो रहा है. केंद्र सरकार से पहले भी निवेदन किया था कि मनरेगा को किसानी से जोड़ा जाए. केंद्र को ये बात समझ नहीं आ रही है.
उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग के जीवन से खिलवाड़ कर रही है. पराली को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित कर दें. उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को चिट्ठी नहीं लिखी है,क्योंकि मनरेगा पर केंद्र को फैसला लेना है. यह एक राज्य का मामला नहीं है. सभी किसान गौठान में पैरादान करें.
मुख्यमंत्री बघेल ने एक बार फिर केंद्र द्वारा चावल न खरीदने पर उसे किसान विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा है कि जब दो साल बोनस देने पर भी चावल खरीदा तो आज क्यों नहीं. अपने ट्विटर पर साहिर लुधियानवी के शेर पोस्ट करने पर कहा कि लड़ाई लड़नी पड़ेगी, लेकिन वे अभी केवल आग्रह कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वे किसानों को ज़्यादा पैसे दे रहे हैं इसलिए केंद्रीय पूल में चावल नहीं लेने का फैसला केंद्र का गलत है. भूपेश बघेल ने बताया कि प्रदेश भर के किसान 13 तारीख को सड़क मार्ग से रायपुर से दिल्ली के लिए कूच करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की कितनी संख्या होगी, ये नहीं कह सकते हैं.