रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांधी विचार फाउंडेशन, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन औऱ न्यू नेरेटिव फोरम के संयुक्त तत्वाधान में आयोजन कार्यक्रम में पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी ने विचारों को सत्य और अहिंसा के माध्यम से प्रयोग किए और आज़ादी की लड़ाई का अस्त्र बनाया. आप अहिंसा की बात कहेंगे तो कोई सुनने को तैयार नहीं होता. अहिंसा गांधी से पहले भी था. बुद्ध के अहिंसा, बुद्ध के रास्ते मे चलने वाले के लिए. अहिंसा को लोकव्यापीकरण किया तो गांधी थे. गांधी ने अहिंसान की ताकत को पहचाना. अहिंसा कार्य से नहीं विचार से आती है. गांधी ने सत्य अहिंसान की खोज नहीं कि उसे जिया, उसे छोड़कर जाना पड़ा.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जंग हिंसा से जीता जा सकता है, लेकिन शांति की स्थापना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है. कितने संगठन थे, जो ताकत और हिंसा के बल पर झुकाने का काम करते थे. इससे लड़ने के लिए उन्होंने अहिंसा और शांति की बात की. गांधी ने आज़ादी के साथ उन लोगों के लिए लड़ाई लड़ी, जो वंचित, शोषित और दलित थे. स्त्री और अस्पृस्ता के लिए गांधी लड़े. किसानों और मेहनतकशों के साथ लड़कर उन्हें सम्मान दिलवाया. चरखा चलाकर बुनकरों को सम्मानित कराया.
सीएम ने कहा कि गांधी ने आम जनता में स्वाभिमान जगाने का काम किया. दूसरी तरफ अंग्रेज़ों के कुशासन से लड़े. आज के उनके संदर्ध में कोई बात सुनने को तैयार नहीं है. किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सुनने को तैयार नहीं कोई. आप कुछ कर लीजिए कोई सुनने को तैयार नहीं है.
अफ्रीका से आकर पाया कि दो विचारधारा सक्रिय थी. गांधी ने बुद्ध से अहिंसा ली. वहीं दूसरे के विचारों को सम्मान देने की बात कही. जो विचार पल्लवित हुए, उन्हें साथ लेकर चले. गांधी बुद्ध, नानक दूसरी तरफ हिटलर के राष्ट्रवाद है. राजा ने सावरकर और गोडसे से भी बात की. राजा महाराजा के सात अपनी बात दमदारी से रखी. विचारों से समझौता नहीं किया. गांधी के विचार आज भी समसामयिक है.
छत्तीगढ़ में 40 प्रतिशत गरीब हैं, 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, किसान को दाम नहीं मिल रहा है. ऐसे में ग्राम स्वराज लेकर आए हैं. इसलिए सुराजी गांव की घोषणा की. कुपोषण और मलेरिया के खिलाफ लड़ेंगे. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देंगे. ऋण माफी, धान खरीदी 2500 दिया, लेकिन केंद्र ने अड़ंगा डाला.
बरसात में कोई फसल हो, उसे 9 हजार देंगे. जितना धान बचता है, प्रधानमंत्री से बात में एथेनॉल से पेट्रोलियम की अनुमति मांगी, लेकिन कांग्रेस शासित राज्य का CM बोल रहा है, इसलिए केंद्र झिझक रहा है. जब धान या गेंहू का अतिरिक्त का इस्तेमाल नहीं करें, तो किसानों को अतरिक्त नहीं दे पाएंगे. आज आपके पास अधिक अनाज है. एथेनॉल के अलावा कोई अन्य उपयोग है, तो किया जाना चाहिए. 44 प्रतिशत जंगल है.
सीएम बघेल ने कहा कि कई कार्यशाला आयोजित किए गए. व्यक्तिगत पत्ते में कामयाबी नहीं मिली, लेकिन सामुदायिक के हज़ारों प्रकरण निपटाए. उससे आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा. गांधी की ग्राम स्वराज की कल्पना के अनुरूप 10 हज़ार गांवों में जमीन आरक्षित की. लगभग 1 लाख एकड़ जमीन आरक्षित किया. 6 हज़ार गौठान बन गए हैं. 12 लाख क्विंटल वरर्मी कम्पोस्ट बनाया. किसान देख रहे हैं कि वर्मी कम्पोस्ट और रासायनिक खेती में क्या अंतर है.
सीएम ने कहा छत्तीसगढ़ के किसान आर्गेनिक खेती की ओर जा रहे हैं. गांव के गौठानों में भी बिजली प्लांट होगा. सिर्फ किसी उद्योगपति का पावर प्लांट नहीं होगा. इस दौरान सीएम ने बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव क्यों बेचेगा सरसों तेल, हमारे गांव के गौठान में बेचा जाएगा सरसों तेल, हमारा किसान बेचेगा तेल. हर आदमी के हाथ में काम हो, रोजगार हो, विचार हो- यही शांति की अवधारणा गांधी की है.
सीएम बघेल ने कहा कि साल भर से दिल्ली के बॉर्डर पर देशभर के किसान बैठे हैं. इमान की रोटी और इज़्ज़त की ज़िंदगी. ये मांग पूरी क्यों नहीं हो सकती. दुनिया में हर जगह सड़क पर उतरे हैं. सब इज़्जत की ज़िंदगी और इमान की रोटी खाना चाहते हैं.
मैं सोचता हूं कि गांधी से ज़्यादा शांति पैदा करने वाला कोई व्यक्ति था क्या?.
गांधी की शांति और हमारी शांति में फ़र्क है. गांधी का सत्य गोली के सामने की परिस्थिति पैदा होती है. तब पता चलता है कि आप में हिम्मत है क्या. 1915 गांधी भारत आते हैं. 1917 में पहली बार चंपारन आते हैं. कांग्रेस के लोगों को हाथ से उठाकर गरीब लोगों के हाथ मे कर दिया. इससे पहले कांग्रेस का गांव से कोई नाता नहीं था.
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