शिवम मिश्रा, रायपुर। आरएसएस प्रमुख एक वर्ग विशेष के लोग ही क्यों बनते हैं. किसी दलित-आदिवासी को आरएसएस प्रमुख बनाना चाहिए. सेवादल का नकल करके आरएसएस को बनाया गया है. जो मुद्दा आज आरएसएस उठा रही है, उसको पहले कांग्रेस के लोग उठा चुके हैं. सभी चीजों का नकल कर रहे हैं, उसमें नया क्या है यह बताएं. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही.

भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन रैली में शामिल होने के बाद वापस रायपुर लौटने पर मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकारों से चर्चा की. उन्होंने मोहन भागवत के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि 40 हजार साल पहले सब का डीएनए एक था. फिर नफरत क्यों?

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आचार संहिता के उल्लंघन की वजह से प्रधानमंत्री मोदी के फोटो को सरकारी दफ्तरों से हटाए जाने की इलेक्शन कमीशन से मांग को उनका मानसिक दिवालियापन बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ गांधी टोपी लगाकर चुनाव लड़ते हैं, उसके बाद जब पंजाब में सरकार बनती है तो गांधी जी की तस्वीर गायब हो जाती है. सरदार वल्लभ और भगत सिंह की तस्वीर लगाते हैं. दोनों की विचारधारा की विपरीत वह नोटों में गणेश और लक्ष्मी की फोटो की मांग करते हैं. वैचारिक दिवालियापन है. केजरीवाल किस विचार के हैं यह पहले बताना चाहिए.

रमन सिंह के बयान पर सीएम ने कहा कि पुरंदेश्वरी जब कहती थी तब नहीं मानते थे, अब कह रहे हैं मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे. जोर का झटका लगा है, तभी इस तरीके का बयान दे रहे हैं. डॉ रमन सिंह अकेले दौरे कर रहे थे, तब भी संगठन ने उसको सही नहीं माना. मोहन भागवत के दौरे के बाद बयान आना मतलब साफ है कि डॉ रमन सिंह अपने आप को समेट रहे हैं.

वहीं अधिकारियों के पैसा वापस कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखे जाने पर सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि हम पैसा वापस नहीं करेंगे. लेकिन कारण नहीं बताया गया है. पैसा राज्य के कर्मचारियों का है, पैसा तो लेकर रहेंगे.

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