पटना। बिहार चुनाव में तीसरे चरण के प्रचार पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ लल्लूराम डॉट कॉम की टीम दिन भर रही. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ लल्लूराम डॉट कॉम के राजनीतिक संपादक रुपेश गुप्ता ने उनके कैंपेन को करीब से देखा. पूरा एक दिन बिताया. उनके साथ लल्लूराम डॉट कॉम ने पटना से मधुबनी जिले की लौकहा और दरभंगा जिले की जाले में चुनावी रैलियों को कवर किया. दोनों ही सीटें एनडीए का मज़बूत गढ़ है. दोनों ही सीटें मिथिलाचंल की नेपाल बार्डर से लगी हुई सीटें हैं. पहले थोड़ा सा इन सीटों के बारे मे आपको बताते चलें.

लौकहा विधानसभा से नीतीश सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय पिछले चुनाव में करीब 24 हज़ार वोट से जीते थे. उससे पहले 2005 और 2010 में भी जेडीयू के हरि प्रसाह साह करीब साढ़े आठ हज़ार और करीब साढ़ सत्रह हज़ार से जीत चुके हैं. इस बार मौजूदा मंत्री के मुकाबले महागठबंधन ने भारत भूषण मंडल को उतारा है.

जाले सीट बीजेपी का गढ़ बना हुआ है. पिछले चुनाव में महागठबंधन के बाद भी बीजेपी को यहां जीत मिली थी. बीजेपी के जिबेश कुमार ने आरजेडी के कद्दावर नेता ऋषि मिश्रा को 5 हज़ार से जीत मिली थी. जबकि समाजवादी पार्टी को भी करीब पांच हज़ार वोट मिले थे. 2010 में भाजपा के विजय कुमार मिश्रा ने 17 हज़ार से जीत दर्ज की थी. इस बार यहां कांग्रेस ने 26 साल के युवा मशकुर अहमद उस्मानी को अपना उम्मीदवार बनाया है. समाजवादी पार्टी ने इस बार कांग्रेस को समर्थन दे दिया है.

भूपेश बघेल के साथ जाने के लिए हम दोपहर करीब 11 बजे मौर्या होटल पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री अपनी टीम के साथ तैयार थे. अपनी टीम के साथ उन्होंने चाय पीते हुए सियासी चर्चा की. उन्होंने अपनी पसंदीदा लाल चाय ही पी. इसके बाद उनके बाहर निकलने के दौरान ही हमने इंटरव्यू के सिलसिले को शुरु किया. इस दौरान हमारी टीम में कैमरामैन श्याम पटेल थे.

रुपेश गुप्ता – मुख्यमंत्री जी जिन दोनों सीटों पर आप प्रचार करने जा रहे हैं. वो दोनों सीटें एनडीए के प्रभाव वाली मानी जाती हैं, क्या लग रहा है इस बार आपको ?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल – ये अभी जो चुनाव हो रहा है, महागठबंधन प्रभावशाली दिख रही है. दो चरण के चुनाव हो चुके हैं. उसमें हम स्वीप कर रहे हैं. तीसरे चरण के चुनाव में- जहां ये सीटें हैं- वहां भी महागठबंधन बहुत बढ़िया करने जा रही है.

रुपेश गुप्ता – आप एक बार फिर बिहार में प्रचार के लिए आए हैं. बिहार में कैसा लग रहा है आपको ?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल – बिहार में मेरा तीसरा बार आना हो रहा है. पहली बार इलेक्शन के थीम सांग के लिए मैंने प्रेस कांफ्रेंस की थी. पहले और तीसरे चरण के प्रचार के लिए मेरा आना हुआ है. बिहार के लोग बहुत मेहनतकश हैं. पूरे देश में यहां के कारीगर, कुशल-कुशल श्रमिक, आईएस आईपीए या यहां के पत्रकार हों, पूरे देश और दुनिया में यहां के लोग छाए हुए हैं. बिहार की राजनीति का अपना महत्व है. यहां के लोग राजनीतिक मामले में बड़े जागरुक हैं. अभी जो स्थिति दिखाई दे रही है, चुनाव शुरु हुआ तो लगा कि एनएडी के पक्ष में माहौल है, लेकिन जैसे-जैसे प्रचार बढ़ते गया लोगों के रुझान दिखाई देने लगे. अब महागठबंधन की तरफ स्पष्ट रुझान दिखाई दे रहा है. पहले और दूसरे चरण के मतदान हो चुके हैं. दोनों चरणों में महागठबंधन की क्लीन स्वीप दिखाई दे रही है. तीसरे चरण के चुनाव हैं. ये बहुत ही निर्णायक होगा. इस चुनाव का अपना महत्व है. गठबंधन पहले ही मज़बूत रहा है तो इस चरण में एकतरफा जीतेंगे.

हैलीकॉप्टर में उनकी टीम के साथ हम लौकहा के लिए रवाना हुए. मुख्यमंत्री ने हैलीकॉप्टर में दोनों विधानसभाओं के बारे में बारीक तथ्यों को देखना शुरु किया. दस्तावेज़ों का अवलोकन करने के बाद भूपेश बघेल ने अपनी टीम से रिसर्च पर कुछ सवाल पूछे जिसका जवाब पाने के बाद वे हमसे आगे की बातचीत के लिए तैयार थे.

रुपेश –कल आपके नेता राहुल गांधी ने ज़रुर इस मसले को उठाया. हमने यहां के किसानों से बातचीत की है, किसान परेशान है. धान के पैसे उसे नहीं मिलते, आप किसानों के नेता माने जाते हैं. पर यहां का चुनाव बेरोज़गारी के मसले पर हो रहा है. खेती-किसानी का मसला छूट गया दिखता है. क्या कहेंगे आप ?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल – जब बेरोज़गारी की बात करते हैं तो उसमें सबकुछ शामिल हो जाता है और यही बात राहुल जी सभाओं में बोल रहे हैं. यहां धान की कीमत कितनी है? लोग कहते हैं 1 हज़ार, उससे ढाई गुणा ज्यादा हमारे छत्तीसगढ़ में मिल रहा है. 2500 रुपये क्विंटल में खरीदी हो रही है. यदि किसानों को फसल की सही कीमत मिल जाए तो बेरोज़गारी वैसे भी कम हो जाएगी. जब नौजवान पढ़-लिखकर तैयार है. उन्हें 10 लाख बेरोज़गारों को नौकरी देने की बात तेजस्वी कह रहे हैं. तो उसका अर्थ यह है कि बेरोज़गारी यहां बहुत बढ़ी हुई है. यहां 11 प्रतिशत बेरोज़गारी है. इस दौर में नीतीश बाबू ने कुछ नहीं किया है. आज बदहाली है यही वो बिहार है जहां से निकलकर लोग पूरे देश और दुनिया में अपना प्रभाव जमा चुके हैं लेकिन बिहार अभी भी बदहाल है. 15 साल कम नहीं होता. नीतीश बाबू ने 15 सालों में कुछ किया है.

रुपेश – भाजपा के पोस्टर से नीतीश कुमार गायब हैं. जबकि चिराग जेडीयू से अलग हैं. इन पार्टियों के संबंधों पर आप क्या कहेंगे ?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल – ये ठगबंधन है. एनडीए के गठबंधन में पहले चिराग पासवान गायब हुए. भाजपा अपना घर रौशन करना चाहती है और नीतीश का घऱ जलाना चाहते थे. पहले जिस पोस्टर से चिराग गायब हुआ. अब मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के पोस्टर्स से गायब है. इसका मतलब है कि वे उन्हें भी दरकिनार करना चाहते हैं. बच गई केवल भारतीय जनता पार्टी. भारतीय जनता पार्टी ने किया क्या है. नरेंद्र मोदी बताएं कि लॉक डाउन में गरीबों-मज़दूरो के लिए क्या किया ? आखिरी वो नोटबंदी पर वोट क्यों नहीं मांगते ? जीएसटी पर वोट क्यों नहीं मांगते? क्यों नहीं मांगते वोट लॉकडाऊन पर. उसकी चर्चा ये नहीं करते.

रुपेश -प्रधानमंत्री ने कल कहा है कि कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते कि लोग भारत माता की जय बोलें और ये सब एक साथ हमारे खिलाफ हो गए हैं?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल- नरेंद्र मोदी दुनिया के सामने झूठ क्यों बोलते हैं ? भारत माता की जय बोलते हुए और तिरंगे का झंडा लेकर कांग्रेस के लोगों ने अंग्रेजों के शासनकाल में जेल में रहे और डंडे खाए. हमें भारत माता के बारे में उन्हें सीखाने की ज़रुरत नहीं है. भारत माता है क्या ? भारत माता यहां के खेत-खलिहान, नदी-पहाड़ और यहां रहने वाले विभिन्न भाषा-बोली और जातियां, धर्म-संप्रदाय के रहने वाले 135 करोड़ जो जनता है वो ही भारत माता है. यदि हम भारत माता की जय बोलते हैं तो हम अपनी जय बोलते हैं.

लौकहा जाते वक्त मुख्यमंत्री धान के खेत, पड़ने वाली गंगा नदी और कोसी के बेल्ट को देखते हैं.

(क्रमश: )

देखिए वीडियो : [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=wyU8bfBM9WY[/embedyt]