रायपुर। उत्तर प्रदेश चुनाव में अहम भूमिका अदा कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी-आईटी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये (भाजपा) असहमति स्वीकार नहीं कर पाते, इसलिए ईडी-आईटी जैसी संस्थाओं का सहारा लेते हैं. हो सकता है उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में भी ईडी और आईटी आए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह बयान महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के संदर्भ में था, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान ईडी और आईटी द्वारा की गई कार्रवाई को भी माना जा रहा है.
ईडी ने पंजाब में जहां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी पर शिकंजा कसा था, वर्ष 2018 में दर्ज हुए अवैध खनन के एक मामले में 18 जनवरी को भूपिंदर सिंह हनी के मोहाली, लुधियाना व पठानकोट स्थित ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें करोड़ों रुपए बरामद किए गए थे.
वहीं दूसरी ओर आईटी ने उत्तर प्रदेश में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान इतने नोट मिले थे, गिनने के लिए करीबन दर्जनभर मशीनें लगानी पड़ी थी. इसके अलावा ऐसे कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई, जिनके समाजवादी पार्टी के करीबी होने की बात कही जा रही थी.
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एक के बाद एक केंद्र की सत्ता को चुनौती दे रहे लोगों पर ईडी और आईटी की कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवालों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे बढ़ाया है. उन्होंने आशंका इस बात का इशारा कर रही है कि अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में परिणाम अनुकूल नहीं आए तो छत्तीसगढ़ में भी ईडी-आईटी की कार्रवाई देखने को मिल सकती है.
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