रायपुर। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2500 रुपए में धान खरीदी पर उठ रहे सवाल के जवाब में कहा कि मैं इस सदन में घोषणा कर रहा हूं कि मंत्रिमंडलीय कमेटी बजट सत्र के पहले अपनी रिपोर्ट सौप देगी. हम आने वाले बजट में ही इसका प्रावधान करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 2500 रुपए कैसे मिलेंगे इसे लेकर सबकी चिंता है. ये लोग कौरवों की सेना की तरह व्यवहार कर रहे हैं. लगता है कि अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फांस लेंगे तो सब ठीक हो जाएगा. लेकिन मैं बता दूं कि हम किसानों के साथ है. केंद्र अपनी नीतियों के हवाले से धान खरीदी को प्रभावित कर सकती है, लेकिन हमें अपनी नीतियों से किसानों को पैसा देने से नहीं रोक सकती. अंतर की राशि किसानों के खाते में जाएगी. हम आपकी तरह नहीं है राम नाम जपना, पराया नाम अपना.

बता दें कि विधानसभा में सोमवार को धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की तय एमएसपी यानी 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदने की बात कही थी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है. इसमें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं. यह कमेटी तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए.

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि विरोध केंद्र सरकार का नहीं केंद्र सरकार के सिस्टम का है, जिस केंद्र सरकार ने 2 सालों तक नियम को शिथिल किया अभी उस नियम को शिथिल क्यों नहीं किया जा रहा है, क्या केवल सरकार बदलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को सजा मिलेगी? हम केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं. प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा.राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा. केंद्रीय खाद्य मंत्री ने हमारी मांगों का समर्थन किया लेकिन कहा कि निर्णय पीएमओ से होगा.

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