रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र सरकार को कोरोना के टीके मिलने की दर पर ही राज्यों को भी टीका उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाले वैक्सीन की आपूर्ति की समय सारणी से भी अवगत कराने का आग्रह किया है, जिससे राज्य में सभी पात्र लोगों के टीकाकरण की कार्ययोजना बनाई जा सके.
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की वर्चुअल समीक्षा बैठक में इस संबंध में अनुरोध किया. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी शामिल हुए. वहीं नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से ऑक्सीजन उत्पादक राज्य अपनी जरूरत के बाद का अतिरिक्त आक्सीजन प्राथमिकता से दूसरे राज्यों को उपलब्ध करा रहे हैं, वैसे ही रेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों के उत्पादक राज्य प्राथमिकता से इन्हें दूसरे राज्यों को भी उपलब्ध कराएं. इसके लिए भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए.
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि छत्तीसगढ़ में इस्पात उद्योगों की अधिकता को देखते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन और उसके उपयोग की अनुमति दी जाए, जिससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव न पड़े और इन उद्योगों से जुड़े हज़ारों परिवारों के समक्ष रोज़गार क़ा संकट न उत्पन्न हो.
बघेल ने कोरोना टीकाकरण की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी को इसकी पहली खुराक दी जा चुकी है. उन्होंने जानकारी दी कि 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 69 प्रतिशत लोगों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका हैय उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमितों का प्रवेश रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोरोना की जांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं. निजी अस्पतालों में भी संक्रमितों के इलाज की दरें तय की गई हैं. रेडमेसिविर की कालाबाजारी रोकने और जरुरतमंदों तक इसे पहुंचाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के साथ ही सभी नगरीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं से लगातार चर्चा कर कोरोना प्रबंधन में उनकी सहायता ली जा रही है. डीएमएफ, सीएसआर, सांसद निधि विधायक निधि और महापौर निधि की राशियों का भी उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं विकसित करने में की जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए गए हैं. प्रदेश में कुल 29 यूनिटों द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य की जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन हम दूसरे राज्यों को भी दे रहे हैं.