शिवम मिश्रा, रायपुर. विधानसभा में मंगलवार को बजट पर सामान्य चर्चा हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि ओडिशा और त्रिपुरा के अलावा छत्तीसगढ़ देश में ऐसा तीसरा राज्य है, जिसने वित्तीय वर्ष 2022-23 में बाजार से ऋण नहीं लिया. यहां तक कि 2 हजार करोड़ के पुराने बाजार ऋण का हमने भुगतान किया है. 82 हजार 125 करोड़ का ऋणभार छत्तीसगढ़ पर है. भारत सरकार के जीडीपी के 47% ऋणभार से छत्तीसगढ़ का ऋणभार बहुत कम है. 4 हजार 480 करोड़ राजस्व आधिक्य की स्थिति साल 2023 जनवरी तक की है. इस दौरान सीएम ने शायराना अंदाज में अपनी बात खत्म की.
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार का साल 2013-14 में 14949 करोड़ का ऋण था. जो 41 हजार 695 करोड़ साल 2018-19 के वित्तीय वर्ष में हो गया. जो 2013 के मुकाबले तीन गुना है. जबकि हमारा लिया ऋण करीब इतनी ही अवधि में दुगुना है. भाजपा ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि बंद कराई और अब मौन हैं. 5 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान प्रदेश को है. कोयला रॉयल्टी भी केंद्र सरकार ने रोक दिया है. 3 साल में रॉयल्टी रिनीवल होता था अब वो भी नहीं हो रही है. जनवरी 2023 की स्थिति में प्रति व्यक्ति ऋणभार 27 हजार 139 है, जो केंद्र की तुलना में बेहद कम है. कोरोना काल में केंद्र से आने वाली राशि में 11 हजार करोड़ की कमी आई, जबकि राज्य से सिर्फ 4 हजार करोड़ रुपये कम हुए.
धान खरीदी पर बोले सीएम भूपेश
प्रदेश में धान खरीदी की शुरुआत कांग्रेस की सरकार ने ही किया था. भाजपा की सरकार में किसान रात-रात भर धान बेचने और पेमेंट के लिए इंतजार करते थे. इस साल 107 लाख मीट्रिक टन धान हमने खरीदा है और 98 प्रतिशत से ज्यादा सोसाइटियों से धान उठाव हो चुका है. आज 300 से ज्यादा राइस मिल खुले हैं. भाजपा सरकार के समय धान का स्कूटर में ट्रांसपोटिंग हो जाता था. 11 लाख से ज्यादा किसान जो खेती छोड़ चुके थे वो लौटे हैं. 22 हजार करोड़ किसानों के खातों में गया है. किसान और मजदूर भाजपा के साथ नहीं है. कई वर्गों के लिए घोषणा की है. बजट भाषण में. रेवड़ी नहीं है, बजट पास होगा, फिर 1 अप्रैल से लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
ईडी को लेकर बरसे सीएम
सीएम ने कहा कि ईडी के कारण राजस्व में वृद्धि हुई है. ये भाजपा विधायक कहते हैं, हमें उनकी बुद्धि पर तरस आता है. ऐसे में तो केंद्रीय कार्यालय में रेड डाल दिया जाना चाहिए, सबसे ज्यादा कर्ज वहीं लिया जा रहा था. ईडी का दुरुपयोग भाजपा ने किया है. हमारे राष्ट्रीय अधिवेशन को डिस्टर्ब करने छापा डाला. लेकिन किसके यहां क्या मिला? हमारा नेता विनोद तिवारी जो किराया के मकान में रहते हैं उनके यहां छापा डाल दिया. उसके घर में आधा घर में टाइल्स लगा था आधा में नहीं. सत्ता का दुरुपयोग कैसे किया जा रहा है ये पूरा देश और प्रदेश देख रहा है, ये आप भी समझ लीजिए. नारायणपुर को लेकर उन्होंने कहा कि यहां भाजपा कार्यकर्ताओं नंगा नाच किया. कवर्धा में पुलिस पर हमला किया गया. क्या यहीं प्रशिक्षण आप देते हैं ? कवर्धा में क्या किया आपने सब देखा.
आवास के नाम पर फॉर्म भरवाकर नौटंकी कर रही बीजेपी- सीएम
सीएम ने कहा कि अब सिर्फ एक मुद्दा भाजपा के पास बचा है, वो है आवास. भाजपा ने छत्तीसगढ़ की जनता को गरीब बनाकर रखा. 346 करोड़ ऋण भाजपा की पूर्वर्ती सरकार ने 2018 में मतगणना के बाद लिया. भाजपा ये बताए कि आवास को लेकर दिया किस नेता का आंकड़ा सही है? कोई 17 लाख बोलता है, कोई 10 लाख, कोई 12 लाख और कोई 7 लाख. जो सही आंकड़े हैं वो मुझे दे दीजिए. भाजपा आवास को लेकर फॉर्म भराने की नौटंकी कर रही है.
12 साल जनगणना को हो गए- सीएम
12 साल जनगणना के हो गए. गरीबों को मकान से वंचित करने का पाप भाजपा ने किया है. भाजपा के समय 8 लाख मकान बने थे, 11 लाख स्वीकृत है तो 16 लाख मकान कैसे बच गए? बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- अधिकारियों ने गलत आंकड़े दिए हैं, अनुमति हो तो मैं कल ही सही आंकड़े टेबल पर लाकर रख दूंगा. इस पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे पंचायत मंत्री तैयार हैं, सदन की प्रक्रिया है, अनुमति अध्यक्ष देंगे. हम चर्चा से नहीं भाग रहे हैं. अजय चंद्राकर ने कहा कि हमें जनादेश है असंतुष्ट रहने के लिए. फिर सीएम ने कहा कि आप हमेशा असंतुष्ट रहें. आवास के सभी आवेदन फॉर्म और मिस कॉल का वेरिफिकेशन करवाऊंगा, हमें दे दें भाजपा के लोग. शहरी क्षेत्र में भाजपा ने जितना आवास प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाया हमने उससे 5 गुणा ज्यादा बनाया.
उज्ज्वला योजना के सिलेंडर को रिफील तक नहीं करा पा रहे हितग्राही
सीएम ने कहा कि उज्ज्वला योजना का हाल ये है कि पिछले साल दिसंबर तक 46 प्रतिशत आबादी ने एक बार भी सिलेंडर नहीं भराया, ये हाल है योजना का. शौचालय का भी यहीं हाल है, कई जगह भुगतान नहीं हुआ है, ओडीएफ घोषित कर दिए जबकि शौचालय बने ही नहीं. राज्य सरकार ने शौचालय, गैस कनेक्शन और आवास को लेकर सर्वे कराने का फैसला लिया है. ये बजट गरीबों, किसानों, नौजवानों और आदिवासियों का बजट है. सभी सदस्यों की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा. विनियोग के समय कुछ और घोषणाएं करूंगा.
सीएम ने इस शायरी के साथ अपनी बात खत्म की-
अभी वक्त संवारने में लगा हूं, वक्त मिला तो तुम्हारी जुल्फें भी संवारूंगा……
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