रायपुर. हर धर्म मूलतत्व करुणा, भाईचारा, दया है. जो धर्म समझते हैं, वहां समस्या नहीं है. जो धर्म नहीं समझते हैं, वहां समस्या नहीं है. जो धर्म को अधकचरा समझते हैं, वहां समस्या है. भारत की समरसता की समृद्ध परंपरा रही है. हमने सबको आत्मसात किया है. इस ताकत को हम कमजोरी न बनने दें. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन में कही.
सर्व आस्था मंच की ओर से रविवार को राजधानी के दीनदयाल ऑडिटोरियम में सम्मेलन आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सभी धर्मों के वक्ताओं के बीच सीएम बघेल ने कहा कि भारत में अनेकता में ही एकता है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत धर्म अलग हो सकता है, जाति का धर्म अलग हो सकता है, समाज का धर्म अलग हो सकता है. हमारे यहां न जाने कितने देवी-देवता को मानने वाले हैं, लेकिन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं.
बघेल ने कहा कि यही भारत है जिसमे वासुदेव कुटुम्बकम की बात होती है. लेकिन आज धर्म को तोड़ा जा रहा है, लोगों को आपस मे लड़ाया जा रहा है. हम उस संस्कृति को मानने वाले है, जिसे प्रेमचंद जी ने अपनी कहानी में लिखा था. कहानियां भी उदाहरण है. आज जरूरी है कि हम सब मिलकर भारत को समृद्ध बनाये. देश को आगे बढ़ाएं. इसके लिए हमें प्रयास किया जाना चाहिए.