रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कबीरधाम जिले के भेंट-मुलाकात प्रवास के दौरान कवर्धा शहर के राष्ट्रीय राज्यमार्ग 30 के सकरी नदी पर 9 करोड़ 10 लाख की लागत से निर्मित उच्च स्तरीय पुल का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ये पुल इस जिले में विकास की नई इबारत लिखेगा और संपर्क क्रांति लाएगा. सकरी नदी पर निर्मित ये पुल शहर का सबसे ऊंचा पुल है. इसके बन जाने के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर, मंडला, रायपुर, मार्ग और राज्य के निकटतम जिला मुंगेली, बेमेतरा, बिलासपुर मुख्यालय के लिए बारहमासी संपर्क बना रहेगा. नव निर्मित उच्च स्तरीय पुल के निर्माण होने से बारिश के मौसम में अब मध्यप्रदेश सहित निकटतम जिला मुंगेली, बेमेतरा से संपर्क बना रहेगा. इससे बारह महीने आवागमन की सुविधा मिलेगी. नए पुल निर्माण से खुश शहर के लोगों ने पुरानी मांग पूरी होने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.
गौरतलब है कि ब्रिटिशकाल में निर्मित लगभग 100 वर्ष पुरानी सकरी नदी का पुल काफी जर्जर हो गया था, जिसमें बरसात के दिनों में बाढ़ आ जाने से आवागमन का संपर्क टूट जाता था. इस नदी में उच्च स्तरीय पुल बनाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी. कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने जन आकांक्षाओं और कबीरधाम जिले के समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए सकरी नदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया था. कैबिनेट मंत्री अकबर के प्रयासों से राज्य शासन द्वारा उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 9 करोड़ 10 लाख रुपये की स्वीकृति मिली. उन्होंने उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया और पुल निर्माण को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए स्वयं मॉनिटरिंग भी करते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप महज 9 महीने में उच्च स्तरीय पुल बनकर तैयार हो गया.
9 महीने में तैयार हुआ पुल
रायपुर-कवर्धा-जबलपुर राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्रमांक 30 के सकरी नदी पर पुलमय पहुंचमार्ग का निर्माण कार्य किया गया है. पुल की लंबाई 90 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है. कवर्धा शहर के राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्रमांक 30 के सकरी नदी पर पूर्व में निर्मित ब्रिटिश कालीन लगभग 100 वर्ष पुराना था जो हर साल बारिश के समय डूब जाता था, जिस वजह से आवागमन अवरूद्ध हो जाता था और शहरवासियों समेत राष्ट्रीय राजमार्ग के यातायात में परेशानियों को देखते हुए उच्चस्तरीय नए पुल निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई. पुल का निर्माण कार्य 27 जनवरी 2020 को प्रारंभ हुआ और केवल 9 महीने में ही इसे पूरा कर लिया गया. इस पुल के निर्माण में प्रमुख अभियंता से लेकर उपअभियंता तक अनेकों इंजीनियरों की भागीदारी और कार्यस्थल पर 15-20 स्कील्ड लेबर और 40-50 अनस्किलड लेबर के भागीदारी से यह नवीन पुल बनकर आम जनता की सुविधा के लिए तैयार हुआ है. अब लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. कबीरधाम जिले के नागरिकों ने पुल की सौगात के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है.
पुल के लोकार्पण अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव, केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक ममता चन्द्राकर सहित नीलकण्ठ चंद्रवंशी, छग राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के सदस्य कन्हैयालाल अग्रवाल, संभागायुक्त दुर्ग महादेव कावरे, कलेक्टर जनमेजय महोबे, नगरपालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी साहू, कृषि उपज मंडी अध्यक्ष नीलकंठ साहू, उपाध्यक्ष चोवा राम साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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