हार्वर्ड. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जाति और राजनीति पर व्याख्यान दिया. भूपेश बघेल ने कहा कि किसी भी भूगोल, उस देश का अर्थव्यवस्था कहलाता है. भूगोल और अर्थव्यवस्था दोनों मिलकर राजनीति किये जाते हैं. भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजनीति मिलकर इतिहास बनाते है. इसी तरह भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजनीति और इतिहास मिलकर उस देश के संस्कृति तय करते हैं. इसे जाति और राजनीति इसी परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए.

भारत में जाति और राजनीति परंपरा दोनों बिंदुओं पर निर्धारित करती है. दूसरा सम्मान पूर्वक जीने का गौरव. वहीं राजनीति, आर्थिक सुरक्षा और सांस्कृति उत्थान निर्धारित भी करती है और प्रभावित भी करती है. लेकिन उपनिवेश काल में ये जो व्यवस्था है उसे बहुत प्रभावित किया है. छत्तीसगढ़ एक उदारण है, जिसमें अनेक जातियां आकर वहां साथ-साथ रह रहे हैं. और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. सभी उपार्जन में भागीदारी करती है.

लेकिन और बात जो हमारे संत, महापुरुष है, समाज सुधारक है, उनकी भूमिकाएं बहुत अधिक होती है. छ्तीसगढ़ में  कबीर का प्रभाव, गुरुघासीदास, स्वामी आत्मानंद का प्रभाव,

गुरू घासीदास जी ने कहा कि मनखे-मनखे एक समान. किसी प्रकार का कोई भेद नहीं है. और इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ में देख सकते हैं. वहीं जाति गौरव है, लेकिन जाति वैमनस्यता कही दिखाई नहीं देगी. ये छत्तीसगढ़ की खासियत है.

जातियों को जब तक राजनीति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाएगा. उसके जनसंख्या के आधार पर सुरक्षित नहीं किया जाएगा. तब तक हम उत्पादन का अधिकार एवं गौरव पूर्ण नागरिकता को सुरक्षित नहीं रख पाएंगे.

इसलिए हम बाबा साहेब आंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलकर मजबूत राष्ट्र बना सकते हैं. जातियों के लिए सामाजिक, आर्थिक मजबूती के लिए मनख-मनखे एक सामान के आदर्श को बढ़ाना पड़ेगा. पुरात्व काल की घटनाएं स्मृतियों में सावधानी पूर्वक देखते हुए बाबा साहेब के बताए हुए मार्ग पर चलकर प्रज्ञा, करूणा और मैत्री के आधार पर सामाजिक सरोकार को बढ़ाना होगा. बिना किसी ऐतिहासिक प्रश्न से डरे बिना विश्व में भारत के गांव के स्वालंबन को गांधी के रास्ते पर चलते हुए प्रकृति और संस्कृति दोनों शामिल है. उसे हमको बढ़ावा देना होगा. उनको जगह देनी होगी, उनके जो खेल, गीत है. उसको सम्मान देना होगा.

समृद्ध राष्ट्र, समृद्ध समाज और निर्भय नागरिक तभी बन सकते हैं जो घृणा से रहित सभी को अपने साथ लेकर चलने और जिम्मेदार नागरिक बनने से ही संभव हो पाएगा. जो काम राजनीति का है, जो हर जाति के गौरव और साथ ही राष्ट्रीयता में उसका योगदान हो, वह भी अन्य लोगों की तरह महत्वपूर्ण हो. यह विचार हमें जाति भेदभाव का भी, जाति द्वेष पर भी हम लोगों को विचार करना होगा. और इससे ऊपर उठकर ही एक प्रबल राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे.

भारत की राजनीति में अपना स्थान है. उसे अलग नहीं कर सकते हैं. अलग-अलग जाति के लोग एक साथ होते हैं. राजनीति में अगर जाति नहीं रहेंगे तो वे अपनी बात नहीं करेंगे. इस समस्या का समाधान करना है तो लोकसभा व विधानसभा में होना चाहिए. तभी लोग सोचेंगे की सरकार हमारी सुन रही है.

प्रश्न. ओबीसी की जाति को क्षेत्रिय कर दिया गया है. आरक्षण एक बड़ा मुद्दा है, ओबीसी आरक्षण को आपने छत्तीसगढ़ में लागू किया. अभी मामला कोर्ट में अटक गया उस पर आपका क्या कहना है?

भूपेश बघेल – मैंने ने कुछ नहीं किया. बाबा साहेब ने जो संविधान में लिखा है, वो किया. जनसंख्या के मुताबिक आरक्षण की बात कही गई थी. उसी हिसाब से दिया. मंडल आयोग ने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. उसे हमने लागू किया. संसद ने स्वर्ण वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. संसद व मंडल आयोग का जो कानून है, उसे हमने लागू किया है.

प्रश्न. पूरे देश में ओबीसी के आंकड़े पता नहीं, लेकिन एससी-एसटी के जारी कर दिए गए, ऐसा क्यों?

भूपेश बघेल -ये बात उठी थी. लेकिन उसे सार्वजिनक नहीं किया गया है.

प्रश्न- मंत्रिमडल में किस तरह का प्रतिनिधित्व है. डीजीपी, सचिव, विधानसभा सचिव  सब उच्च जाति के हैं?

भूपेश बघेल– विधानसभा के अध्यक्ष ओबीसी है. प्रदेश में एससी और एसटी को मुख्य सचिव बनने का अवसर मिला है. मंत्री मंडल में ठाकुर, ब्राह्मण, एससी, एसटी और ओबीसी को मौका मिला है. मुख्यमंत्री सलाहकार में ओबीसी है. पहली बार विधानसभा उपाध्याक्ष एसटी का बना है.

प्रश्न- आरक्षण का मुद्दा उठता है. मेरिट बेस में नहीं आने पर बहस शुरू हो जाती है. मेरिट पर आपका क्या कहना है?

भूपेश बघेल– सवाल अवसर का है. चरणदास महंत अध्यक्ष है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, तीन बार के सांसद है. मध्यप्रदेश के समय गृहमंत्री थे. 1980 से चुनाव जीत रहे हैं. हमारे समाने उदाहरण उनको अवसर मिला तो कर दिखाया. प्रदेश में आरक्षण लेने वाले जो छात्र है सामान्य वर्ग के कटआफ से ज्यादा आ रहे हैं. अवसर नहीं मिलने पर उनको नुकसान होता है.

प्रश्न. छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है, आपका इनवेस्टमेंट है उस इलाके में. प्रदेश में नक्सलवाद व आदिवासी मुद्दा उठाया जाता है. कारपोरेट द्वारा आदिवासियों की जमीनी छिनने जाने का प्रश्न पूछा जाता है. नक्सल की समस्या हम सबकी है. इसे आप किस तरह देख रहे है.

भूपेश बघेल– छत्तीसगढ़ देश का नौवां बड़ा राज्य है. जिस प्रकार की समस्या की बात आ रही है, नक्सवाद, उग्रवाद है. जहां शोषण गरीबी, अशिक्षा, ये जहां रहेगी वहां वामपंथ पनपता है. इसे दूर करने पर समस्या हल होगी. वो हमारी संविधान को नहीं मानते. वो हिंसा को मानते हैं. न बाबा साहेब व न गांधी को मानते हैं.

छत्तीसगढ़ भूमि अधिग्रहण बिल कानून लागू करने वाला पहला राज्य है. 10 गांव के लोगों को हमने अधिग्रहित जमीन वापस दी है. किसानों का ऋण माफ किया. धान खरीदी किया. लघु उपज कम दाम में खरीदी जाते रहे हैं. 22 प्रकार की वस्तु को खरीदने का कार्य किया. बीड़ी 4 हजार मानक बोरा खरीदा गया. आदिवासी, किसान सबको पैसा दिया गया. ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल सब में आगे हैं. प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 से 10 फीसदी में आ गया है.

प्रश्न. स्वास्थ्य योजना को कैसे लागू करेंगे, घोषणा पत्र में जो था वह धरातल में नहीं आ पाया है अभी?

भूपेश बघेल- हम सब पर काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य योजना जो पहले चल रही थी उसका फायदा बीमा कंपनी को होता था. उसमें हम सुधार कर रहे है. खासकर जो दंतेवाड़ा जो नक्सलवाद प्रभावित, मलेरिया, अशिक्षा, खदान बैलाडीला भी वहीं है. हम वहां पर गरम भोजन दे रहे हैं. आदिवासी लोग अस्पताल नहीं जाते. उनको पता नहीं चलता है कि वो बीमार है. हाट बाजार जाते हैं. तो हमने हाट बाजार में क्लीनिक शुरू किया. ये पहला साल है एक भी डायरिया का मामला सामने नहीं आया है. 2 अक्टूबर को हमने पूरा प्रदेश में इसे लागू किया. ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहरी क्षेत्र में भी लागू किया गया.

प्रश्न- देश में पाकिस्तान पर बात हो रही है. विकास के बारे में चर्चा के बजाये दूसरे मामलों पर बहसे हो रही है. देस में मानवाधिकार का हनन हो रहा है. इस पर आप क्या कहेंगे?

भूपेश बघेल- जिनको जो आएंगे वहीं करेगा. राजा शेर ही होता है. एक दिन जंगल के सभी जानवर ने राजा को भगा दिया. इसके बाद बंदर को राजा बना दिया गया. एक दिन हिरण के बच्चे को शेर ने दबोच लिया. हिरण राजा बंदर के पास गया. तो वह इधर-उधर उचल कूद किया, लेकिन हिरण के बच्चे को बचा नहीं पाया. इसलिए जिसको जो आएगा वहीं करेगा. उचल कूद करने का कुछ फायदा नहीं है. इससे आप प्रजा का भला नहीं कर सकते.

प्रश्न. सीएए,एनआरसी पर आपकी क्या राय है?

भूपेश बघेल- हम लोग इस विचारधारा से लड़ रहे थे, आज आपको कहा जाए कि आप भारतीय है तो इसे साबित करिए. छत्तीसगढ़ में अशिक्षा है. उनके माता पिता पढ़े लिखे नहीं है. आज सबके पास आधार, राशन कार्ड, वोटर कार्ड है. तो आपको क्या दिक्कत है. अगर नहीं ला पाएंगे तो उसका क्या करोगे. ये वैचारिक लडाई इसे हम लड़ेगे.

जनता का सवाल

प्रश्न- गांव में किसान की आय पर निराशा देखता हूं, आप समर्थन मूल्य बढ़ा देंगे तो किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहते. इस पर आप क्या कहेंगे.

भूपेश बघेल– लोग वहां जाना चाहते हैं जहां आकर्षण है. इसी प्रकार व्यवसाय में जाते हैं. आकर्षण देख कर जाते हैं. 25 सौ में धान खरीदा. इस साल एक भी किसान खुदकुशी नहीं की. किसानों के चेहरे पर सिकन नहीं. डेढ़ साल नये किसान जुड़े है खेती से.