रायपुर- ‘इटली से भी पैसा ले आएंगे, तो भी कर्जमाफी नहीं हो पाएगा. यदि दस दिनों में कर्जमाफी का वादा कांग्रेस ने पूरा किया तो मैं अपनी विधायकी छोड़ दूंगा’…..कुरूद से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने जोश और उत्साह के साथ यह बयान दिया था. दस दिनों में भूपेश सरकार ने किसानों का कर्जमाफ कर खाते में पैसा पहुंचाने की कवायद शुरू की, तो अब कांग्रेस पूछ रही है कि अजय चंद्राकर अपनी विधायकी से इस्तीफा कब देंगे.

दरअसल किसानों की कर्जमाफी चुनाव में बड़ा सियासी मुद्दा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले कर्जमाफी का ऐलान किया था. कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया गया. वादा था कि सरकार बनने के दस दिनों के भीतर यह लागू कर दिया जाएगा. सत्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शपथ लेने के फौरन बाद हुई कैबिनेट मीटिंग में कर्जमाफी के मसौदे पर मुहर लगा दी गई. बावजूद इसके कुरूद में निकाली गई आभार रैली में पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर कांग्रेस पर फूट पड़े और खुली चुनौती दे दी, कहा कि दस दिनों में यदि यह मुमकिन हुआ तो मैं विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा. कर्जमाफी होने के बाद कांग्रेस ने पूछा कि इस्तीफा कब दे रहे हैं.

अजय चंद्राकर ने लल्लूराम डाट काम से कहा कि-

राज्य सरकार ने एक भी पैसे की कर्जमाफी नहीं की है. लिकिंग के पैसे को वापस करने की बात कही गई है. लिंकिंग का पैसा किसानों के खातों में डालना कर्जमाफी नहीं है. इसमें कर्जमाफी कहां है. सरकार ने कितना पैसा बैंक और सोसाइटियों को दिया है. यह स्पष्ट करना चाहिए.

इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब यह पूछा गया कि अजय चंद्राकर ने कर्जमाफी नहीं करने पर विधायकी छोड़ने की चुनौती दी थी. तब उन्होंने कहा कि-

अब वह खुद तय करें कि उन्हें क्या करना है.

बहरहाल कांग्रेस की ओर से भी अजय चंद्राकर की इस्तीफे को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि इन तमाम सवालों के बीच पूर्व मंत्री का जवाब अपने बचाव में ही सामने आ रहा है.