रायपुर। संसद से पारित कृषि से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिल के विरोध में कांग्रेस पूरे दम-खम के साथ उतर आई है. कांग्रेस के नेता अलग-अलग राज्यों में जाकर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए लोगों को इसकी खामियां गिना रहे हैं. इस कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल के जरिए लोगों तक इन कानूनों के विरोध के कारणों को गिनाया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोकसभा में तीन काले कानून पास हुए. इससे किसानों को आम लोगों को किस प्रकार से नुकसान होगा, यह समझने की आवश्यकता है. एक राष्ट्र और एक बाजार की बात करने वाली सरकार यह नहीं बता रही है कि दर भी एक होगा, कीमत एक होगी. यदि यह करते तो हम विरोध नहीं करते. क्योंकि मंडी से बाहर जिसके पास पैन नंबर है, वह खरीदी कर सकता है, लाइसेंस की जरूरत नहीं है. इससे किसानों को अपनी कृषि उपज की कीमत कम मिलेगी. दूसरा है कांट्रेक्ट फार्मिंग. इस कानून से किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा.

इसके बाद सीएम बघेल ने तीसरा बिल आवश्यक वस्तु नियम में किए गए संशोधन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कोई भी व्यापारी किताना भी अनाज अपने गोदाम में रख सकता है. इसका अर्थ यह है कि व्यापारी किसानों से सस्ते दर पर अनाज खरीदेंगे, और कृत्रिम अभाव पैदा कर मनमाने दर पर अनाज को बेचेंगे. उदाहरण के तौर पर कुछ साल पहले अरहर का दाल 200 रुपए किलो में बिका था, प्याज के भाव 80 रुपए और 100 रुपए में बिके थे. यही इसी प्रकार की व्यवस्था होगी. चौथा जो कोआपरेटिव बैंक जो किसानों का बैंक है, इसमें निजी खिलाड़ी घुस जाएंगे. तो बैंक भी आपके हाथ से निकल जाएगा. इसलिए इस काले कानून का हम विरोध करते हैं.