रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और स्वर्गीय चंद्रशेखर आजाद की 23 जुलाई को जयंती पर उन्हें नमन किया है. स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष को याद करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि तिलक जी और आजाद जी ने अपना पूरा जीवन देशप्रेम के लिए समर्पित कर दिया और अंतिम क्षण तक स्वाधीनता के लिए संघर्ष करते रहे. उनकी राष्ट्रभक्ति आज भी लोगों को प्रेरणा देती है.

सीएम बघेल ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की शुरूआत कर सामाजिक समरसता के नए युग का सूत्रपात किया. स्वाधीनता के लिए संघर्ष के दौरान उन्होंने ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा‘ जैसे नारों से लाखों भारतीयों के मन में आजादी के लिए अलख जगा दी. चंद्रशेखर आजाद के बलिदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद की राष्ट्रभक्ति आज भी हजारों युवाओं में देशप्रेम और नई ऊर्जा भर देती है. स्वाधीनता के लिए महापुरूषों का अमर बलिदान हमेशा याद किया जाएगा.

सीएम ने पुण्यतिथि पर बिसाहू दास महंत को किया नमन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संयुक्त मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की 23 जुलाई को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि महंत जी का पूरा जीवन जनसेवा से जुड़ा रहा. महंत जी ने अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक तथा मंत्री के रूप में प्रदेश के विकास के लिए अपनी अमूल्य सेवाएं दी है. उन्होंने खेती-किसानी, सिंचाई तथा सड़कों के माध्यम से लोगों की बेहतरी के काम को बखूबी अंजाम दिया.

सीएम बघेल ने कहा है कि कोसा एवं बुनकर व्यवसाय को प्रदेश से लेकर विदेशों तक ख्याति दिलाने में बिसाहू दास महंत जी का अतुलनीय योगदान रहा है. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वर्गीय बिसाहू दास महंत के नाम पर हर साल राज्य के श्रेष्ठ बुनकरों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार द्वारा मंहत जी के सम्मान में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा का नामकरण स्वर्गीय बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा किया गया है. सीएम बघेल ने कहा है कि हमारे पुरोधा विकास की जो विरासत छोड़ गए हैं, उसे नये आयाम देने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है.